अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरी तेजी के साथ चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण का भूमि पूजन किया था। पांच अगस्त को निर्माण कार्य के दो साल पूरे हो गए हैं। दो साल के भीतर राम मंदिर का निर्माण काफी तेजी से हुआ है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का दावा है कि ये जनवरी 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। निर्माण स्थल पर काम कर रहे इंजीनियरों की माने तो मंदिर निर्माण का 40 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
मंदिर की पहली मंजिल 2024 की शुरुआत तक तैयार होने की उम्मीद है। राजस्थान के गुलाब बलुआ पत्थरों का हो रहा उपयोग राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा नियुक्त 5 पर्यवेक्षक मुख्य इंजीनियरों में से एक जगदीश कुमार ने बताया कि यह निर्माण स्थल पर एक प्लिंथ निर्माण हो रहा है और यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमने एक साथ वास्तविक मंदिर का निर्माण ‘गर्भ गृह’ या गर्भगृह क्षेत्र से शुरू किया है। राजस्थान से गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग मंदिर की दीवारों के लिए किया जा रहा है। हालांकि आज दो साल पूरे होने के अवसर पर राम मंदिर निर्माण स्थल को मीडिया के लिए खोल दिया गया।
मंदिर निर्माण में लगे इंजीनियर भी उत्साहित निर्माण स्थल पर काम में लगे बड़ी क्रेन द्वारा उठाए बड़े पत्थरों को एक जगह से दूसर जगह ले जाने का काम चल रहा है वहीं दूसरी ओर बलुआ पत्थर का काम भी हो रहा है। राम मंदिर निर्माण स्थल पर काम कर रहे एक इंजीनियर उत्पल कुमार ने बताया कि साइट पर काम करना गर्व की बात है। हालांकि इस साल जून में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक समारोह के दौरान गर्भगृह का शिलान्यास किया था। 2024 से पहले भक्तों के लिए खुलेगा गर्भगृह राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले गर्भगृह भक्तों के लिए खुल जाएगा।
बीजेपी के सूत्रों की माने तो पूर तरह से रणनीति के तौर पर इसकी शुरुआत की जाएगी ताकि आम चुनाव में इसका राजनीतिक लाभ पार्टी को मिल सके। अयोध्या में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 वर्षों से जिसके लिए संघर्ष चल रहा था और वह संघर्ष अब निष्कर्ष की ओर बढ़ रहा है। किसी भी भारतीय के लिए इससे बड़ा गौरव का क्षण नहीं हो सकता। विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति पर हमला किया, लेकिन अंत में भारत की जीत हुई। राम मंदिर ट्रस्ट की निगरानी में चल रहा निर्माण कार्य मंदिर निर्माण परियोजना की बात करें तो इसमें उपयोग में लाए जाने वाले कुल पत्थर की मात्रा में 8 से 9 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार बलुआ पत्थर और 6.37 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त 2020 में मंदिर के लिए ‘भूमि पूजन’ समारोह में शामिल हुए थे, जिसके बाद निर्माण शुरू हुआ था। समय समय पर ट्रस्ट की ओर से इसक मॉनिटरिंग की जाती रही है। ट्रस्ट के सदस्य समय समय पर इस निर्माण के बारे में जानकारी मीडिया को भी देते हैं। राम मंदिर में नक्काशीदार पत्थरों का हो रहा इस्तेमाल मंदिर निर्माण के प्रभारी राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि गर्भगृह में राजस्थान की मकराना पहाड़ियों के सफेद पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुल पत्थर की मात्रा में 8 से 9 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार बलुआ पत्थर, 6.37 लाख क्यूबिक फीट अनारक्षित ग्रेनाइट, मंदिर के लिए 4.70 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर और गर्भगृह के लिए 13,300 घन फीट मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर शामिल हैं।