Prayagraj: बेटे का शव कंधे पर रखकर 2 KM पैदल चला लाचार पिता, सेना के जवानों ने दिखाई इंसानियत, सैल्यूट कर रहे लोग

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Viral News Prayagraj: प्रयागराज जिले में एक ह्रदय विदारक घटनाक्रम सामने आया है. अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने पर मंगलवार को एक पिता को अपने बेटे का शव बारिश के बीच कंधे पर रखकर करीब दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. बजरंगी यादव ने बताया कि उनके 14 वर्षीय बेटे शुभम को करंट लग गया था जिसके बाद उसे स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (SRN) ले गए थे जहां इलाज के दौरान उनके बेटे की मौत हो गई थी. अपने बेटे का शव कंधे पर लेकर जाते हुए इस लाचार, बेबस और मजबूर पिता का वीडियो सामने आया है जो अब वायरल हो रहा है.

नए पुल तक शर्मसार होती रही मानवता
इस शर्मनाक घटनाक्रम का शिकार हुए मजबूर पिता ने बताया कि शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस चालकों से संपर्क किया गया तो उन्होंने पैसे मांगे और पैसा नहीं होने की वजह से वह अपने बेटे का शव कंधे पर रखकर घर के लिए निकल पड़े और अस्पताल से नये पुल तक शव लेकर पैदल गए. उन्होंने बताया कि नये पुल पर सैन्य कर्मियों ने एक एंबुलेस रुकवा कर शव को उसमें रखवाया और फिर वह शव लेकर अपने गांव करछना पहुंचे. इस बाबत जिलाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे. वीडियो सामने आने पर कमिश्नर ने CMO काे जांच करने के निर्देश दिए हैं।

सेना के जवानों ने दिखाई इंसानियत
काफी दूर तक पैदल चलने के बाद सेना के जवानों ने गाड़ी उपलब्ध कराई और घर भेजा. इस मामले पर प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि इस मामले की एक उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी और जांच में यदि कोई लापरवाही पाई जाती है तो जवाबदेही तय कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन ने ये भी कहा है कि अगर इस परिवार को किसी तरह की मदद चाहिए तो प्रशासन उसके लिए तैयार है.

एंबुलेंस के नोडल बोले- मुझे कुछ नहीं पता
एंबुलेंस के नोडल और डिप्टी CMO डॉ. जयकिशन सोनकर को इस मामले की जानकारी ही नहीं है. मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह शव को अस्पताल से घर भेजे.

खत्म हो रही इंसानियत?
इस मामले को देखकर लग रहा है कि लोगों की इंसानियत किस कदर खत्म होती जा रही है. जब अपने कंधे पर बेटे का शव लादकर लाचार पिता घर जा रहा था, तब रास्ते में कोई भी उसकी मदद करने को आगे नहीं आया. लोग सिर्फ तमाशा देखते रहे उन्होंने कोई सहयोग क्यों नहीं दिया. इंसानियत दम तोड़ती दिखी तब भारत माता के वीर जवानों ने इस ह्रदय विदारक घटनाक्रम को देखा तो वह फौरन गरीबी और सिस्टम की मार से जूझ रहे इस पिता का सहारा बने और उनके लिए मदद का इंतजाम किया. इसके बाद लोग जवानों की तारीफ करते नजर आए.