Fake IAS Of Jharkhand: झारखंड (Jharkhand) के पलामू (Palamu) में रहने वाले एक युवक ने यूपीएससी (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा (CSE) में कामयाबी पाने की फर्जी खबर पूरे राज्य में फैला दी. सफलता की इस झूठी सूचना के आधार पर उसने एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर खुद को सम्मानित कराया. बता दें कि बीते बुधवार को उसने झारखंड सरकार की तरफ से आयोजित यूपीएससी के सफल अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह में राज्य के सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के हाथों सम्मान लिया. इतना ही नहीं वो सीएम के साथ रात्रि भोज में भी शामिल हुआ. बता दें कि अब खुलासा हुआ है कि कुमार सौरभ उर्फ सौरभ पांडेय नामक युवक ने उत्तर प्रदेश के एक कामयाब अभ्यर्थी के जैसा नाम होने का बेजा फायदा उठाया. वह पिछले 2 महीने से समाज से लेकर सरकार तक भ्रम फैला रखा था.
एक जैसा नाम होने का उठाया फायदा
बता दें कि यूपीएससी 2021 के एग्जाम में कामयाब अभ्यर्थियों की लिस्ट में 357वीं रैंक उत्तर प्रदेश के कुमार सौरभ ने हासिल की है. जब उनको कहीं से जानकारी मिली कि उनके नाम का फायदा झारखंड का एक युवक उठा रहा है और समारोह में सम्मानित हुआ है. तब जाकर इस मामले का भंडाफोड़ हुआ.
युवक ने ऐसे फैलाई फर्जी खबर
दरअसल, पलामू के पांडू के रहने वाले सौरभ पांडेय भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए. बीते 30 मई को रिजल्ट आया तो उसने खुद के कामयाब होने की खबर फैला दी. उसने यूपीएससी मुख्यालय के पास सूट टाई वाली अपनी फोटो भी कई जगहों पर शेयर कर दी थी.
नौकरी नहीं ज्वाइन करने की बताई ये वजह
दरअसल, सौरभ पांडेय पिछले कुछ दिनों से समाज में कई लोगों से यह कहता फिर रहा था कि उसकी रैंक ठीक नहीं आई, इस वजह से इस बार नौकरी ज्वाइन नहीं करेगा. वह फिर से तैयारी में जुटा है और पूरा प्रयास कर रहा है कि अगली बार अच्छा रैंक ले आए.
जब पत्रकारों ने सौरभ पांडेय से उसके यूपीएससी पास करने और उसके एडमिट कार्ड के बारे में जानकारी मांगी तो उसने स्वीकार कर लिया कि परीक्षा में असफल हो जाने पर उसने सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए अपने पास हो जाने की झूठी खबर फैलाई थी. झारखंड सरकार ने भी मीडिया में छपी रिपोर्ट के आधार पर उसे सम्मानित कर दिया था.
