कानपुर. वर्तमान समय में सोशल मीडिया फ्रॉड करने का सबसे बड़ा जरिया बन गया है. सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले इसी के सहारे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. साइबर अपराधी पढ़े लिखे लोगों को भी अपने झांसे में ले रहे हैं और उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कानपुर में सामने आया है, जहां चेन्नई की एक कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए गए. अब इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफतार किया है, जिसमें एक नाइजीरियन भी शामिल है.
दरअसल, जाजमऊ इलाके में दीप नाम के एक युवक, जो चेन्नई की एक कंपनी में बतौर इंजीनियर के पद पर काम करते हैं, उन्हें एक मेल आया, जिसमें एक फर्जी अमेरिकी मोबीआयल कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर पहले दीप से उसकी सारी डिटेल ली और फिर उनसे पासपोर्ट बनवाने के नाम पर 12800 रुपए लिए गए. फिर धीरे-धीरे उनसे 5 लाख रुपये ऑनलाइन ठग लिए. अब डीप ने इसकी रिपोर्ट जाजमऊ थाने में दर्ज कराई है.
ऐसे रची साजिश
ठगी करने वाले लोगों ने कुछ इस तरह का षड्यंत्र रचा था, जिसमें वह कभी पासपोर्ट अधिकारी बनकर बात करते थे तो कभी अमेरिकी कंपनी के अधिकारी बनकर. और कभी एंबेसी के अधिकारी बनकर बात करते थे, जिससे दीप को पूरा भरोसा हो गया था कि सब कुछ असली है. साथ ही अमेरिकी कंपनी के नाम से विदेशी नंबरों से मैसेज भी आने लगे. उसके बाद दीप लगातार रकम ट्रांसफर करता गया. पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद साइबर क्राइम की टीम ने इस मामले में जांच शुरू की तो परत दर परत खुलती चली गई. जब आरोपी किसी दूसरे को शिकार बनाने की कोशिश में लगे थे तब वह क्राइम ब्रांच कि रडार पर आ चुके थे. क्राइम ब्रांच की टीम ने ठगों को झकरकट्टी बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया. चार आरोपियों में एक नाइजीरियन व्यक्ति भी है, जो इन ठगों के गिरोह में शामिल था. फ़िलहाल पुलिस जांच में जुट गई है कि यह गिरोह कितने बड़े स्तर पर काम करता है.
