हाथियों का आंतक :- घर मे सो रही थी महिला , अचानक आ धमका हाथियों का दल, कुचलने से महिला व दूधमुंहे बच्ची की मौत | उधर जशपुर में जंगली हाथी के हमले से एक और महिला की मौत |
उपेंद्र डनसेना रायगढ़ , प्रेम प्रकाश शर्मा जशपुर |
रायगढ़ | जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है । कापू ग्राम पंचायत के विजयनगर में बीती रात तक़रीबन 15 जंगली हाथियों ने धावा बोला और गांव के मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया । इसी बीच एक महिला के घर मे जब हाथियों ने क्षतिग्रस्त किया तो अपनी जान बचा कर भाग रही महिला व उसके दूधमुंहे बच्ची पर हाथी ने हमला कर दिया । इससे दोनो की मौके पर मौत हो गई । घटना के बाद मामले की जानकारी लगने पर वन अमला मौके पर पहुंचा और आगे की कार्यवाही शुरू कर दी ।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक धरमजयगढ़ वन मंडल के कापू वन परिक्षेत्र के जंगल से निकल कर हाथियों का एक दल विजयनगर गांव के करीब पहुंचा । यहां रहने वाली विमला बाई अपने दूधमुंहे बच्ची के साथ सो रही थी। तभी हाथियों ने उसके घर को क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया । ऐसे में हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए महिला अपनी बच्ची के साथ जान बचा कर घर से बाहर निकल कर भाग रही थी तो हाथियों ने उस पर हमला कर दिया । इससे विमला व बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई । घटना के बाद मामले की जानकारी मिलने पर वन अमला मौके पर पहुंचा और आगे की कार्रवाई में जुट गया । वनविभाग ने मृतिका के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि 50 हजार दे दिया है ।
नर हाथी काफी उग्र है
इस पूरे मामले को लेकर डीएफओ प्रणय मिश्रा का कहना है कि ये हाथी पड़ोसी जिले सरगुज़ा के हैं, जो कापू के आसपास के जंगल मे विचरण कर रहे हैं । इस झुंड में 15 हाथी है । जिसमें से एक नर हाथी बहुत ज्यादा उग्र है और गांव में घुसने के बाद वह मकानों को तोड़ता है । पिछले साल ही उसकी रेडियो कालरिंग की गई है ।
जशपुर में जंगली हाथी का हमला, एक और महिला की मौत
उधर जशपुर जिले में आज कांसाबेल के समीप चेटवा जंगल में मशरूम एकत्रित कर रही एक महिला पर अचानक जंगली हाथी के हमला कर देने से उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई । इस महिला के परिजनों ने बताया कि चेटवा जंगल में ही मशरूम लेने गए एक अन्य ग्रामीण का भी पता नहीं चल पाया है । जशपुर वन मंडल अधिकारी कृष्ण कुमार जाधव ने बताया चेटवा के जंगल से जंगली हाथी के हमले से मृत महिला गुरबों बाई का शव बरामद कर लिया है । इस जंगल में जंगली हाथियों की उपस्थिति के चलते लापता व्यक्ति की तलाश का काम में काफी दिक्कत हो रही है ।
उन्होने बताया कि यंहा पड़ोसी सरगुजा और धरमजयगढ़ वन मंडल से भी हाथियों के चार अलग अलग दल आ जाने से इन हाथियों की संख्या बढ़ कर 41 हो गई है। इनके अलावा बादलखोल अभ्यारण्य में भी 20 से अधिक हाथियों की उपस्थिति पाई गई है । जाधव ने बताया कि जंगलों में विचरण कर रहे हाथियों को समीप के आबादी क्षेत्र में आवाजाही से रोकने के लिए यंहा छैः स्थान पर बैटरी के तारों का घेरा लगाया गया है। इससे हाथियों को जंगल में रोकने की कामयाबी अवश्य मिली है लेकिन ग्रामीणों के जंगलों में जाने से जनहानि को रोकना कठिन हो गया है । उन्होने बताया कि जंगलों के आस पास धान एवं अन्य फसलों की हरियाली के चलते हाथी दो, तीन के झुंड में कई जगह बंट गऐ हैं । इस अलावा पड़ोसी जिलों से जंगली हाथियों के 4 दल आ जाने से इनकी संख्या में एकाएक इजाफा हो गया है | हाथियों की अधिक संख्या में मौजूदगी के बाद ग्रामीणों को सतर्कता बरतने का भी संदेश दिया जा रहा है लेकिन हाथी छोटे दल में बंट जाने के बाद इनकी गतिविधियों की जानकारी रखना कठिन हो जा रहा है ।

