केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) देशवासियों को कोई न कोई खुशखबरी देते रहते हैं. उनका ऐलान लोगों के लिए नए अनुभव की उम्मीद जगा देता है, जिससे लोग भी खुश हो जाते हैं. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अब कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई के बीच एक इलेक्ट्रिक राजमार्ग बनाने की योजना बना रही है. इससे पहले भी नितिन गडकरी देशवासियों को कई सौगात दे चुके हैं.
सरकार इलेक्ट्रिक राजमार्ग की योजना बना रही
गडकरी ने गुड़गांव में हाइड्रॉलिक ट्रेलर ओनर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई के बीच इलेक्ट्रिक राजमार्ग की योजना बना रही है. इलेक्ट्रिक राजमार्ग आमतौर पर ऐसी सड़क होती है जिस पर चलने वाले वाहनों को बिजली की आपूर्ति की जाती है. यह बिजली सड़क के ऊपर लगे तारों से वाहन तक पहुंचाई जाती है.
सभी जिलों को चार लेन की सड़कों से जोड़ा जाएगा
उन्होंने इस योजना का अधिक ब्योरा न देते हुए कहा, ‘आप ट्रॉलीबस की तरह ट्रॉलीट्रक भी चला सकते हैं.’ ट्रॉलीबस एक इलेक्ट्रिक बस होती है जो ओवरहेड तारों से होने वाली बिजली आपूर्ति से चलती है. इस मौके पर गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय ने सभी जिलों को चार लेन वाली सड़कों से जोड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार 2.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य की सुरंगों का भी निर्माण कर रही है.
सभी सेवाओं को डिजिटल करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए सभी सेवाओं को डिजिटल करने की जरूरत है. इससे पहले उन्होंने कार और बाइक चलाने वालों को यह कहकर चौंका दिया था कि अगले एक से दो साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत पेट्रोल व्हीकल के बराबर होगी. दरअसल, सरकार बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट कर रही है. लेकिन अभी इनकी कीमत ज्यादा होने के कारण लोग इन्हें कम खरीद रहे हैं.
कैसा होता है इलेक्ट्रॉनिक हाइवे?
इलेक्ट्रॉनिक हाइवे या ग्रीन हाइवे को खास तरीके से डिजाइन किया जाता है. इस तरह के हाइवे पर काफी हरियाली होने के साथ ही पर्यावरण के लिए और भी कदम उठाए जाते हैं. इस राजमार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खास लेन होगी, जहां केबल के जरिये वाहन चलेंगे. इस पर सरकार की तरफ से केबल से चलने वाली स्पेशल बस और ट्रेनें चलाई जाएंगी. ये बसें 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी.
इस हाइवे के दोनों तरफ बिजली की लाइनें बिछी होती हैं. जिस पर भारी वाहन भी तेज रफ्तार में दौड़ सकेंगे. इससे प्रदूषण कम फैलता है. आपको बता दें सरकार इस तरह के हाइवे को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के तौर पर देख रही है. ई-हाइवे पर बिजली से चलने वाले वाहन काफी संख्या में रहेंगे. इस पर इलेक्ट्रिक बसों के जरिये आम लोग भी आधे समय में प्रदूषण मुक्त सफर का लुत्फ ले सकेंगे.
