अब छत्तीसगढ़ में निजी सेवा में तैनात कर्मियों की भी “संविदा नियुक्ति” | रिटायर ACS एमके राउत के “खानसामे” का वेतन भी सरकारी खजाने से | अफसर सकते में |

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रायपुर | छत्तीसगढ़ की नई नवेली “कांग्रेस सरकार” का बेजा इस्तेमाल मौजूदा  नौकरशाहों के अलावा “रिटायर” अफसरों ने भी जारी रखा है | सरकारी फिजूलखर्ची इतनी अधिक बढ़ गई है कि “रिटायर अधिकारियों”  ने भी अपने घरेलु सेवा में तैनात कर्मियों के “वेतन आहरण” भी “सरकारी खजाने” से करने का पुख्ता बंदोबस्त किया हुआ है | ताजा मामला रिटायर ACS एमके राउत के “बंगले” में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चतुर सिंह यादव से जुड़ा है | यह सरकारी कर्मी पिछले 18 सालो से कहाँ तैनात था, इसका खुलासा अब जाकर  हुआ है | वो भी तब जब जून 2019 को इसकी “सेवानिवृत्ति ” हुई | इसके उपरांत इस “रिटायर कर्मी” की “संविदा नियुक्ति” को लेकर एक “नोटशीट”  शासन को प्राप्त हुई | मंत्रालय में पदस्स्थ “बाबू” उस समय सकते में आ गए जब उन्होंने  इस रिटायर कर्मी के बारे में खोजबीन शुरू की | जाँच पड़ताल के दौरान किसी भी अफसर और कर्मी ने चतुर सिंह यादव को पहचानने से तक इंकार कर दिया | काफी जद्दोजहद के बाद पता पड़ा कि चतुर सिंह यादव नामक कर्मी “PMGSY” में कार्यरत है | यही नहीं उसे  विभाग के   कार्यालय “विकास भवन” के समीप ही “मुफ्त” में सरकारी “क्वाटर” भी आवंटित किया गया है | “मुफ्त”में आवंटित सरकारी “क्वाटर” की महिमा जानकर “बाबुओ” का माथा चकरा गया | बहरहाल इस कर्मी के बारे में जब आगे जांच पड़ताल हुई  , तब जाकर पता पड़ा कि रिटायर ACS एमके राउत के “बगंले” में इस शख्स की तैनाती पिछले कई वर्षो से है | लेकिन उसका वेतन आहरण “PMGSY” विभाग की मद से होता है | 


अब दिलचस्प बात यह है कि जिस कर्मचारी ने कई सालो से अपने “मूल विभाग” में झाँका तक नहीं ,उसे मौजदा अफसर कैसे “संविदा नियुक्ति” दे सकते है ? इस तथ्य को लेकर मंत्रालय में जमकर “माथापच्ची” हो रही है |  आला  अफसरों को समझ में नहीं आ रहा है कि रिटायर ACS के “खानसामे” को “संविदा नियुक्ति” दी भी जाए तो किस आधार पर ? दरअसल “संविदा नियुक्ति” रिक्त पद के आधार पर तय की जाती है | लेकिन “PMGSY” में कोई रिक्त पद भी नहीं है , जिसके आधार पर चतुर सिंह यादव को दोबारा तैनात किया जा सके |  ऐसे में आला अफसरों को इस बात की चिंता सता रही है कि बगैर “खानसामे” के रिटायर ACS साहब का “जायका”  कही बिगड़ ना जाये ? बहरहाल चतुर सिंह यादव की “संविदा नियुक्ति” की “नोटशीट” सरकारी टेबलों पर खूब “इधर से उधर” हो रही है | इस “नोटशीट” को देखकर “बाबू” भी लाल -पीले हो रहे है |  अब देखना गौरतलब  होगा कि पूर्व ACS और मौजूदा “सूचना आयुक्त” एमके राउत साहब की सेहत पर इसका क्या असर पड़ता है |