रायपुर : छत्तीसगढ में ब्लैकमनी के ” सूर्या” की चर्चा जोरों पर है | राजनीति और कोल कारोबारियो के गलियारों में सूर्यकांत तिवारी की तस्वीरो के साथ उसके कारनामो की खूब चर्चा हो रही है।
आयकर छापों में करोड़ों की ब्लैकमनी के खुलासे के बाद सोशल मीडिया में सूर्यकांत तिवारी की तस्वीरें जमकर वायरल हो रही है | इस पर कई कमेंट भी आ रहे हैं | उसकी तस्वीरों को साझा करने में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेता इन दिनों काफी व्यस्त है।
कभी बीजेपी के नेताओं के साथ सूर्यकांत तिवारी की तस्वीरें वायरल हो रही है | तो कभी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बिताये पल तस्वीरों के रूप में सामने आ रहे है | मुख्यमंत्री के साथ आत्मीय क्षणों से भरपूर कई मौको की तस्वीरें भी खूब वायरल हो रही है |
इन तस्वीरों को दोनों ही पार्टियां हमलावर रुख अपनाते हुए एक दूसरे पर फेंक रही है | जाहिर है खास लोगों के साथ खींची गई यह तस्वीरें आम लोगों के बीच चर्चा में बनी हुई है। सूर्यकांत के साथ नेताओ की तस्वीरें अभी नहीं बल्कि कई महीनो से सुर्खियों में है | बताया जाता कि नेताओ के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया में साझा करना सूर्यकान्त की MODES OPERANTY है | इसका उपयोग वो लॉयजनिंग के कारोबार में करता है |
नेताओ के साथ खींची गयी तस्वीरों के जरिए अपनी नजदीकियां बताकर सुर्खियों में रहना उसकी आदत में शुमार बताया जाता है | छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कॉंग्रेस के नेताओ के साथ भले ही उसकी तस्वीरें साझा हो रही हो लेकिन जांच एजेंसिया अपनी राह में है | उसके काले कारनामो के चिट्ठे – ब्लैकमनी के निवेश का रोजाना खुलासा हो रहा है |
दरअसल राज्य में ब्लैकमनी जनरेशन के बड़े कारोबार के खुलासे के बाद सूर्यकांत और उसकी टोली की वैध -अवैध संपत्तियों की पड़ताल तेज हो गई है | सूत्र बताते हैं कि सूर्यकांत और उसकी टोली ने छत्तीसगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में हवाला का कारोबार भी फैला रखा था ।
इस कारोबार में ब्लैक मनी को इधर से उधर करने के मामले में माहिर कुछ एजेंट भी शामिल थे | ये एजेंट प्राइवेट बैंको के जरिए हवाला की रकम को शैल कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया करते थे | यह भी खुलासा हुआ है कि देश प्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण शहरों में एक समूह ने इसी ब्लैकमनी से चल -अचल संपत्ति क्रय की है | इसके भुगतान का बड़ा हिस्सा नगदी सौंपा में गया था । बताया जाता है कि कोल कारोबार और परिवहन महकमे से जुटाई गयी काली कमाई से रायपुर,दुर्ग ,साजा , बेमेतरा और बेरला इलाके जमकर जमीने खरीदी गई | इसमें कुछ बड़े अफसरों की हिस्सेदारी भी सामने आयी है |
सूत्र बताते है कि रायपुर के अश्विनी नगर में रहने वाले कोमल नामक सख्श ने जमीनों की खरीद फरोख्त में मुख्य भूमिका निभाई थी | ज्यादातर जमीनों की खरीदी -बिक्री की रजिस्ट्री में उसका साथी दीपक सिंह बत्तौर गवाह शामिल रहा| कोमल, चाट सेंटर चलता है लेकिन उसने करोडो के सौदे किए और अफसरों के नाते रिश्तेदारों के नाम पर जमीनों की रजिस्ट्री कराई | एक जानकारी के मुताबिक सूर्यकांत और उसकी टोली ने अकेले छत्तीसगढ़ में ही लगभग 100 करोड़ की ब्लैकमनी खपाई है | प्रारंभिक पड़ताल में ही जांच एजेंसियों को काली कमाई के प्रमाणिक सबूत हाथ लगे है | इसकी पड़ताल के लिए अब कुछ CA से भी पूछताछ होगी |
राजनैतिक गलियारों में सूर्यकान्त तिवारी सबसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के दरबार में हाजिर हुआ था | इसके बाद उसने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कैंप में घुससपैठ की | यहाँ से उसने बीजेपी के गलियारे का रुख किया था |
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ,अजय चंद्राकर ,राजेश मूणत और केदार कश्यप के कैंप का चक्कर लगाते हुए उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दरबार में जमकर फोटो खिचवाई | और वायरल की थी |
विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी को पटकनी पटखनी खाते देखकर सूर्यकान्त तिवारी ने फ़ौरन पाला बदला था | अब वो कांग्रेसी नेताओ की चौखट पर नजर आने लगा था | इसी दौरान कांग्रेसी नेता गजराज पगारिया के वरदहस्त में उसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खेमे में अपनी पैठ बनाई | फ़िलहाल आयकर विभाग सूर्यकान्त तिवारी के काले कारनामो की पड़ताल में जुड़ा है | जबकि ईडी तमाम जांच रिपोर्ट पर को पैनी निगाह रखे हुए है |