भारत (India) ने फैक्ट चेकर (Fact Checker) मोहम्मद ज़ुबैर (Mohammad Zubair) की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी (Germany) की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वविदित है और ‘तथ्यों को जाने बिना’ की गई टिप्पणियां ‘अनुपयोगी’ होती हैं और इनसे बचना चाहिए.
जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को ज़ुबैर के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के संदर्भ में कहा था कि पत्रकार जो कहते हैं और लिखते हैं, उसके लिए उन्हें सताया नहीं जाना चाहिए और जेल में बंद नहीं करना चाहिए. इसी पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रतिक्रिया दी.
अरिंदम बागची ने दी प्रतिक्रिया
बागची ने कहा, “यह अपने आप में आंतरिक मुद्दा है. मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और मैं नहीं समझता कि यह मेरे लिए या किसी अन्य के लिए उस मामले पर टिप्पणी करना उचित होगा जो अदालत में लंबित है.”
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे ख्याल से हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता सर्वविदित है और तथ्यों को जाने बिना की गई टिप्पणियां अनुपयोगी होती है और इनसे बचा जाना चाहिए.” मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बागची से जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछी गई थी.
प्रेस की स्वतंत्रता पर जर्मनी ने उठाए थे सवाल
जर्मनी के अधिकारी ने कहा कि किसी भी समाज के लिए स्वतंत्र रिपोर्टिंग फायदेमंद है और इसपर पाबंदी लगाना चिंता का विषय है. जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “पत्रकार जो कहते हैं और लिखते हैं, उसके लिए उन्हें सताया नहीं जाना चाहिए और जेल में बंद नहीं करना चाहिए. हम इस मामले से वाकिफ हैं और नई दिल्ली में हमारा दूतावास इस पर करीब से निगाह रख रहा है.”
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ (EU) का भारत (India) के साथ मानवाधिकार (Human Rights) को लेकर संवाद है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Expression) और प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom of the Press) उन चर्चाओं का केंद्र बिंदु है. जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है. इसलिए लोग उम्मीद कर सकते हैं कि अभिव्यक्ति की आज़ादी और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों को वहां जरूरी स्थान दिया जाएगा.” फैक्ट की जांच करने वाली वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ (Alt News) के सह संस्थापक ज़ुबैर को पिछले महीने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने 2018 के ‘आपत्तिजनक ट्वीट’ को लेकर गिरफ्तार किया था.
