रायपुर : छत्तीसगढ़ में आईटी के छापों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गयी है |कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने प्रदेश भर में आंदोलन का ऐलान किया है | राज्य में आईटी के छापो को लेकर राजनीति तेज हो गई है | कांग्रेस ने आईटी के छापों को बीजेपी का देशव्यापी अभियान बताया है , वही बीजेपी मुख्यमंत्री बघेल की इस्तीफे की मांग कर रही है | राज्य में सत्ता के सहभागियों पर आईटी की गाज से सरकार भी हैरत में है |
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हाल ही में आयकर विभाग ने मुख्यमंत्री बघेल के करीबियों के दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की नगदी, जमीन जायदाद के दस्तावेज और जेवर समेत ब्लैकमनी के श्रोतो का खुलासा किया था | आयकर विभाग ने काफी गोपनीय तरीके से इस कार्रवाई को अंजाम दिया था। राज्य के बाहर से छत्तीसगढ़ पहुंची आईटी टीम ने बड़ी चालाकी और सतर्कता से सत्ता के करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी थी | बताया जाता है कि आईटी अधिकारियों की शिनाख्ती और छापे की पूर्व सूचना हासिल करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था | सूत्रों की माने तो रेलवे स्टेशन, बस टैक्सी स्टैंड ,एयरपोर्ट समेत आवाजाही के तमाम मह्रत्वपूर्ण रास्तों पर सादी वर्दी में पुलिस और प्रदेश का खुफिया तंत्र पूरे समय सक्रिय रहा।
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इसके बावजूद आयकर टीम ने अपनी रणनीति से मुख्यमंत्री बघेल के बेहद करीबियों के ठिकानों पर दस्तक दी थी l इस छापेमारी में बरामद “ब्लैकमनी” के अलावा डिजिटल सबूतों और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल शुरू गयी है। खबरों के मुताबिक लगभग आधा दर्जन नेताओ , अफसरों और कारोबारियों को आईटी -ईडी की ओर से नोटिस जारी होने की जानकारी मिल रही है । यह भी बताया जा रहा है कि कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की चल अचल संपत्ति, निवेश और उनके ” सीए ” की खोजबीन शुरू हो गई है | जानकारी के मुताबिक जल्द ही ऐसे अधिकारियों और नेताओ के नामों का भी खुलासा हो सकता है |
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इस बीच खबर आ रही है कि आयकर छापो की जद में आये कुछ एक खास करोबारियो से फिर पूछताछ शुरू हो गयी है | सूत्र बताते है कि ऐसे कारोबारियों द्वारा ब्लैकमनी खपाये जाने के स्थानों पर उनकी मौजूदगी दर्ज कर जांच एजेंसियाँ अब प्रमाणिक सबुत इक्ट्ठा कर रही है| इसके लिए ब्लैकमनी जुटाने के कारोबार में शामिल कुछ लोगों को पूछताछ केलिए राज्य से बाहर भी ले जाया जा सकता है |
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जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियाँ अब कोल माइंस और परिवहन विभाग से जुटाए जाने वाली वाली ब्लैकमनी के प्रामाणिक श्रोतो की पड़ताल में जुटी है | बताया जाता है कि इन दोनों ही महकमो से अवैध उगाही की जवाबदारी सूर्यकान्त तिवारी के कंधो पर थी | इनसे जुड़े विभागों में अफसरों की तैनाती तक सूर्यकान्त के इशारो पर होती थी |
खबर है की जांच एजेंसियाँ सूर्यकान्त तिवारी और उसके करीबी अफसरों द्वारा देश- प्रदेश में खरीदी गयी संपत्तियों की भी पड़ताल कर रही है है | सूत्र बताते है कि ब्लैकमनी खपाये जाने के ठिकाने छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे राज्यों तक फैले हुए है | लिहाजा आने वाले दिनों में इस मामले को सीबीआई को भी सौंपे जाने के आसार है | गौरतलब है कि आयकर के छापो से नेताओ और अफसरों द्वारा की ब्लैकमनी जुटाने और उसे विभिन्न प्रदेशो में होने वाले चुनाव में खर्च किए जाने के दस्तावेज भी सामने आये है |
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बताया जाता है कि राजनैतिक गलियारो में सूर्यकान्त तिवारी कुछ सालो से सक्रिय है लेकिन मौजूदा कांगेस सरकार के कार्यकाल के लगभग चार सालो के भीतर ही सूर्यकान्त तिवारी और उसके सहयोगी अफसरों ने छत्तीसगढ़ को “ब्लैकमनी ‘का हब बना दिया है | इससे छत्तीसगढ़ सरकार की छवि पर भी बुरा असर पड़ा है |
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छापो में सूर्यकान्त तिवारी और उसके सहयोगी अफसरों की अरबो की नामी – बेनामी संपत्तियों में निवेश की जांच को लेकर ईडी भी गंभीर नजर आ रही है | इस कड़ी में एजेंसिया छत्तीसगढ़ में पदस्थ कुछ आईएएस और आईपीएस और उनके परिवार की घोषित – अघोषित संपत्तियों की भी पड़ताल कर रही है | जानकारी के मुताबिक ऐसे अफसरों को भी जल्द तलब किए जाने के आसार है , जिन्होंने सूर्यकान्त तिवारी के साथ मिल कर ब्लैकमनी का साम्राज्य खड़ा किया है
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इधर आईटी छापों से छत्तीसगढ़ में भूचाल आ गया है | सत्ताधारी दल जहां छापो की असलियत रफा-दफा करने में जुटा बताया जा रहा है | वही बीजेपी ने कॉंग्रेस की घेराबंदी करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है |
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बीजेपी ने छत्तीसगढ़ सरकार और उसके अधिकारियों पर व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री बघेल की इस्तीफे की मांग की है | उधर कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए बीजेपी शासनकाल में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया । दोनों ही पार्टिया आईटी के छापो को लेकर एक दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप लगा रही है
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इस बीच खबर आ रही है कि सूर्यकांत तिवारी के कदमो पर खुफिया एजेंसियों की नजरें टिकी हुई है | खासतौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सूर्यकांत तिवारी के बीच होने वाली मुलाकातों पर खुफिया एजेंसियां निगाहे गड़ाए बैठी है | हालांकि आईटी के ताजा छापों के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सूर्यकांत तिवारी के बीच कोई मेल मुलाकात हुई या नहीं हुई है ,इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है |
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सूत्रों के मुताबिक इस छापेमारी में कुछ ऐसे कारोबारी भी प्रभावित बताये जाते है हैं जिनका सूर्यकांत तिवारी से घनिष्ठ संबंध था ।सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि आने वाले दिनों में आईटी और ईडी के आलावा सीबीआई टीम भी छत्तीसगढ़ में दाखिल हो सकती है |