लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी में बड़े बदलाव की तैयारी में दिख रहे हैं. उन्होंने सपा के यूपी अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा और अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, सहित राष्ट्रीय तथा राज्य कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है.
दरअसल यूपी के हालिया विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव की उम्मीदों के मुताबिक नतीजे ना आने के बाद से ही सपा की कार्यकारिणी भंग किए जाने का अनुमान जताया जा रहा था. अब खबर है कि अगस्त के आखिरी हफ्ते या सितंबर शुरुआत में होने वाले सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद नए सिरे से सपा कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा.
अखिलेश यादव के इस कदम को यूपी चुनाव में सपा को मिली हार के नतीजे के रूप में देखा जा रहा है. यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में 400 सीटें जीतने का दावा कर रहे अखिलेश यादव को चुनाव नतीजों में महज 111 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
विधानसभा चुनाव के इन नतीजों को लेकर कई नेताओं और सियासी जानकारी ने अखिलेश यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाया था और उन्हें बस अपनी किचन कैबिनेट (चंद चहेते लोगों) से घिरे रहने का आरोप लगाया था. ऐसे अखिलेश यादव द्वारा सपा की सभी संगठनों और प्रकोष्ठों को भंग करने को वर्ष 2024 में होने वाले संसदीय चुनाव की तैयारी से जोड़कर बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.
