कोरोना महामारी के बाद उत्तराखंड में 2 साल बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड तोड़ रही है. मई से अब तक चारों धामों में अब तक 25 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. इस दौरान ठंड, हार्ट अटैक और दूसरी बीमारियों की वजह से 206 यात्रियों को जान भी गंवानी पड़ी है.
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अगर केदारनाथ की बात करें तो 6 मई से लेकर अभी तक 8 लाख 36 हजार 331 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं. वहीं बदरीनाथ धाम में 8 मई से अभी तक 9 लाख 2 हजार 168 तीर्थ यात्री दर्शन के लिए पहुंचे हैं. गंगोत्री धाम में यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी. इस दौरान अब तक 4 लाख 34 हजार 481 और यमुनोत्री धाम में 3 लाख 35 हजार 802 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में अब तक 1 लाख 20 हजार 210 तीर्थयात्री मत्था टेकने पहुंचे हैं.
अब तक 206 यात्रियों की मौत
चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) में इस साल अब तक 206 यात्रियों की मौत हो चुकी है. इनमें बदरीनाथ में 52, केदारनाथ में 98, गंगोत्री में 13 और यमुनोत्री में 42 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. वहीं, हेमकुंड साहिब यात्रा पर आए एक श्रद्धालु की मौत हुई है.
यात्रा में तीर्थयात्री बरतें ये सावधानी
केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेना चाहिए. इससे साथ ही हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक-रुककर सफर करने को कहा जा रहा है.
यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी
चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) में श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए अब बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर रोक लगा दी गई है. नए आदेश आने के बाद अब यात्रा मार्गों पर बने चेक पोस्टों पर पुलिस यात्रियों का रजिस्ट्रेशन चेक कर रही है. वहीं जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनको वापस भेजा जा रहा है.
यात्रा पर मार्ग पर लगातार भूस्खलन
मानसून के आगमन के साथ ही यात्रा (Chardham Yatra 2022) मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन भी होने लगे हैं. शुक्रवार को सोनप्रयाग समेत गौरीकुंड में लगातार बारिश होती रही, जिस कारण यात्रा को रोककर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है. सोनप्रयाग से गौरीकुंड 5 किमी मोटरमार्ग पर सफर करना खतरनाक साबित हो रहा है. दो दिन के भीतर इस मोटरमार्ग पर दो तीर्थयात्रियों ने अपनी जान गंवा दी है. 13 से अधिक तीर्थयात्री घायल हो गए हैं. सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच मोटरमार्ग पर जगह-जगह बोल्डर गिर रहे हैं.