चंडीगढ़. लॉरेंस बिश्नोई अपराध की दुनिया में पिछले 10 साल से ज्यादा समय से सक्रिय है. सैकड़ों अन्य अपराधियों के साथ उस पर कई दर्जन आपराधिक मामले चल रहे हैं. कई जेलों में रह चुका बिश्नोई इनके भीतर अपने संपर्क का दायरा बढ़ाता रहता है. वह अपने अपराध जेलों के अंदर से संचालित करता है. अभी केवल 30 साल का लॉरेंस बिश्नोई संगठित अपराध की दुनिया में बहुत तेजी से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिस तरह से साजिश रची गई और उसे अंजाम दिया गया, ये उसी की ओर इशारा करता है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और पंजाब पुलिस दोनों ने इस मामले में बिश्नोई को मुख्य साजिशकर्ता बताया है, जबकि इसमें विभिन्न राज्यों के कई गिरोह शामिल थे. सिद्धू की हत्या विभिन्न राज्यों में सक्रिय कई गिरोहों के बीच संगठन की ताकत का एक उदाहरण है.
एक खबर के मुताबिक इन आरोपियों में गवली गिरोह के लोग भी शामिल हैं, जिन्हें दाऊद इब्राहिम का दुश्मन माना जाता है. इससे साफ है कि लॉरेंस बिश्नोई अपराध जगत में अपना स्तर उठाने की कोशिश कर रहा है. पिछले कुछ साल बिश्नोई तरह से काम कर रहा है और उसका नाम जिस तेजी से बढ़ रहा है, वह कानून और व्यवस्था की एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करता है.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मूसेवाला की हत्या से निश्चित रूप से बिश्नोई की जबरन वसूली की ताकत बढ़ी है. गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में पूर्व डिप्टी सीएम ओपी सोनी, पूर्व विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला और पूर्व विधायक अमरपाल सिंह बोनी अजनाला को बिश्नोई के नाम से धमकियां मिल चुकी हैं. बिश्नोई ने एक बार एक पुलिस वाले से कहा था कि वह अपने गैंग में लड़कों की भर्ती सोशल मीडिया से करता है. बेरोजगार युवा या ब्रेनवॉश किए जाने वाले युवा उसके ग्लैमर की चकाचौंध में खो जाते हैं.
लॉरेंस बिश्नोई के नाम का उपयोग करके बनाए गए कई सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की. ये उसको महिमामंडित करते हैं. हथकड़ी में उसके वीडियो दिखाते हैं. जबकि बिश्नोई लगभग 400 अलग-अलग लोगों के साथ अलग-अलग मामलों में आरोपी है. पिछले 10 साल में बिश्नोई को कई जेलों में रखा गया है. इससे उन्हें अन्य गिरोहों के साथ संपर्क बनाने में मदद मिली है. बिश्नोई का जेल में दूसरे कैदियों के साथ बर्ताव हमेशा बहुत अच्छा रहता है.