अगरतला. त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा ने विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस के आशीष कुमार को 6,104 वोट से हराकर टाउन बारदोवाली सीट से जीत हासिल की है. मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए माणिक साहा को उपचुनाव में जीत हासिल करना जरूरी था. बिप्लब देब की जगह राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले माणिक साहा के सामने अब अगली सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी को 2023 के मार्च में होने वाले विधानसभा के चुनाव में सत्ता में वापसी कराना होगी.
एक खबर के मुताबिक त्रिपुरा में अगले साल मार्च में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसको देखते हुए 4 साल से मुख्यमंत्री रहे बिप्लब देब की जगह बीजेपी ने अपने राज्यसभा सांसद डॉक्टर माणिक साहा को कमान सौंपी है. पेशे से एक डेंटल सर्जन डॉक्टर साहा को राज्य बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया गया था.
बीजेपी को उम्मीद है कि अगले विधानसभा चुनाव में होने जा रहे बहुकोणीय मुकाबले में राज्य में पार्टी को फिर से सत्ता में लाने में डॉ. माणिक साहा मददगार रहेंगे. माकपा का गढ़ रहे पूर्वोत्तर के इस राज्य में अब तृणमूल कांग्रेस भी एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रही है. डॉक्टर माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने तेजी से तरक्की की है. उनको 2020 में पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया और इसी साल मार्च में उनको राज्यसभा भेजा गया था.
सक्रिय राजनीति में उतरने से पहले डॉक्टर साहा ने त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में अध्यापन भी किया था. डॉक्टर साहा के बारे में मशहूर है कि वे जमीनी विकास कार्यों में लगे रहते हैं और जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं. अगरतला के एक व्यापारिक घराने में 1953 में पैदा हुए डॉक्टर माणिक साहा को खेलों में भी रुचि है. अपने कालेज के जमाने में वे एथलीट हुआ करते थे. वे त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं. डॉक्टर माणिक साहा ने पटना के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज और लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की है.
