Uttar Pradesh: DU के हाई कटऑफ प्रेशर में सीतापुर की लड़की ने नदी में कूदकर दी जान

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दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में स्नातक कोर्सेज में दाखिले के लिए साल दर साल बढ़ती कटऑफ लिस्ट से स्टूडेंट्स में भी तनाव बढ़ रहा है. यह बढ़ता तनाव जानलेवा भी साबित हो रहा है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के सीतापुर इलाके से ऐसी ही एक खबर सामने आई है जिसने कटऑफ के प्रेशर पर फिर से बहस छेड़ दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, सीतापुर की एक 17 वर्षीय लड़की ने इसलिए अपनी जान दे दी, क्योंकि उसके 12वीं के नंबर डीयू में दाखिले के लिए पर्याप्त नहीं थे.

12वीं में आए थे 81 प्रतिशत नंबर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीतापुर की गरिमा वर्मा ने यूपी बोर्ड से 12वीं की थी और उसके 81% नंबर आए थे. बताया गया कि रविवार को बोर्ड के परिणाम घोषित होने के बाद से ही वह तनाव में आ गई थी. दरअसल, वह डीयू के कॉलेज में दाखिले की प्लानिंग कर रही थी, लेकिन उसके जितने नंबर आए थे, उससे उसे दाखिले की उम्मीद नजर नहीं आई. इसके बाद से रविवार देर शाम वह लापता हो गई. उसकी तलाश शुरू की गई. मंगलवार सुबह उसका शव बाराबंकी में शारदा नदी से बरामद किया गया. लड़की के पिता गिरीश कुमार वर्मा ने उसकी पहचान की.

पुलिस को मौके से मिला सुसाइड नोट
पुलिस को गरिमा वर्मा के सामान से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि वह अपने बोर्ड के परिणामों से खुश नहीं है. महमूदाबाद के एसएचओ विजयेंद्र यादव ने कहा कि, “लड़की के पिता ने बताया है कि गरिमा डीयू में प्रवेश चाहती थी लेकिन उसके अंक दाखिले के लिए पर्याप्त नहीं थे. रिजल्ट आने के बाद से ही गरिमा उदास हो गई थी. उसने किसी से बात बी नहीं की.” बता दें कि पिछले साल डीयू में अधिकांश पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अंतिम औसत कटऑफ लगभग 95%-96% तक गई थी.

नोट में बताया कम नंबर का दुख
मौके पर पहुंची पुलिस टीम को गरिमा वर्मा का पहचान पत्र और एक सुसाइड नोट मिला. इस नोट में लिखा था, “सॉरी मम्मी, सॉरी पापा, मुझे पता है कि ये गलत है, पर मैं क्या करूं, मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है. मैं इस रिजल्ट के साथ जी नहीं पाउंगी. पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि गरिमा ने नदी में कूदकर जान दी है. पुलिस का कहना है कि, गरिमा के सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा गया है. हालांकि उसके माता-पिता ने पुष्टि की है कि राइटिंग गरिमा की है. एसएचओ का कहना है कि, “हम उसके दोस्तों और शिक्षकों के भी बयान लेंगे.”