ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने एक चिट्ठी जारी की है जिसमें पैग़ंबर-ए-इस्लाम (Prophet Mohammad) पर अपमानजनक और अशोभनीय टिप्पणी करने वाले बीजेपी सदस्यों (BJP Members) को पार्टी से सिर्फ निलंबित करने ही नहीं बल्कि उनके खिलाफ कड़ी सजा (Strict Action) और कानून की मांग की. इस चिट्ठी में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(ALMPLB) की तरफ से लिखा गया है कि इसने देश के सभी मुसलमानों (Muslims) को सख्त तकलीफ पहुंचाई है और इंटरनेशनल प्लेटफार्म (International Paltform) पर भी देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
इस पत्र में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से साफ तौर से यह लिखा गया है कि ‘जघन्य अपराध करने वालों को पार्टी से निलंबित करना अच्छी बात है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और ऐसे कानून बनाए जाएं जो विभिन्न धर्मों के ‘आस्था के प्रतीक’ के अपमान को निंदनीय अपराध घोषित करता हो और उस पर तत्काल और उचित कानूनी कार्रवाई हो सके.
सरकार और बीजेपी ने देर की
पत्र के जारी होने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर कमाल फारुकी यह कहा कि ‘पैगंबर-ए-इस्लाम’ की शान में जो अपमानजनक टिप्पणी की गई है तो हमें बहुत अफसोस है कि गवर्नमेंट और बीजेपी ने खासतौर से बहुत देर लगाई ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेने से जो मुल्क के अंदर इतनी नफरत फैला रहे हैं. दूसरे मजहब के मानने वाले जो लोग है चाहे मुसलमान हो या इसाई हो उनके जो रहनुमा है खास तौर से मुसलमान अपने हुजूर की शान में कोई गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करता है. हमारे मुल्क के कानून के तहत जो ऐक्शन होना चाहिए था वह नहीं हुआ और बहुत अफसोस की बात है कि दूसरा मुल्क हमे आकर बताए कि हमें क्या करना चाहिए जबकि हमारे मुल्क का कानून खुद बहुत सख्त है इस मामले के अंदर.
नुपूर शर्मा के खिलाफ वारंट जारी करने की मांग
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर कमाल फारूकी ने साफ तौर से कहा कि जिन मैडम को सस्पेंड किया है उनके खिलाफ अब तक अरेस्ट वारंट जारी क्यों नहीं हुआ, दूसरे साहब के खिलाफ क्यों अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ. मुसलमानों के खिलाफ इस तरह से माहौल बनाया जा रहा है, मस्जिदों के आगे जाकर बदतमीजी की जा रही है पार्लियामेंट स्ट्रीट के ऊपर जाकर बदतमीजी की जा रही है. इंर्पोटेंट प्लेसिस के ऊपर जाकर मुसलमान और इस्लाम के खिलाफ बातें की जा रही हैं, पूरी दुनिया की निगाहें हमारी तरफ लगी हुई हैं अब बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि दुनिया के सामने मुल्क का बहुत नुकसान हो रहा है.
खाड़ी देशों के साथ संबंधों पर हो रहा है असर
कमाल फारूकी ने भारत के खाड़ी देशों के साथ रिश्तों में इस मामले के बाद असर पर कहा कि हमारे रिलेशनशिप चाहे मिडल ईस्ट या बाकी कंट्रीज़ हो उन लोगों के सामने आहिस्ता आहिस्ता जो इमेज बन रहा है वह हमारी इक्नॉमी और हमारी रेपुटेशन के लिए उसको सख्त धक्का पहुंचा है. हम महसूस करते है कि कानूनी तौर पर इस मामले में जो एक्शन होना चाहिए और सिर्फ यह नहीं कि सिर्फ ससपेंड कर दिया. उन लोगों के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीजर एक्ट के तहत एक्शन होना चाहिए और उन सब लोगों के खिलाफ होना चाहिए जिन्होंने पिछले 2 सालों से कुरान मजीद के खिलाफ गलत बोला है.
मुसलमानों से शांति बनाए रखने की अपील
इस पूरे मामले पर कमाल फारूकी (Kamal Farukhi) ने मुसलमानों (Muslims) का गुस्सा जायज बताते हुए यह भी कहा कि लेकिन वह किसी भी तरह अपना गुस्सा सड़कों पर न निकालें कानून (Law) को अपने हाथ में ना लें सरकार (Government) को चिट्ठी लिखें और सरकार का रुझान इस तरह प्ले कराएं और सरकार को मजबूर करें कि वह इसके खिलाफ एक्शन ले लेकिन कानून को अपने हाथ में ना लें