पैसों की तंगी से जूझ रहे पड़ोसी देश ने ईंधन की बचत करने के लिए नया तरीका ढूंढा है. पाकिस्तान सरकार इस बात की संभावना की जांच कर रही है कि क्या कर्मचारियों के काम करने के दिन (वर्किंग डे) घटाकर ईंधन बचाया जा सकता है. माना जा रहा है कि ऐसा करने से पाकिस्तान 2.7 बिलियन डॉलर (सालाना) की विदेशी मुद्रा बचा सकता है.
पाकिस्तान के कुल तेल आयात में आई तेजी
‘डॉन’ अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर से 2.7 अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत के लिए तैयार किए गए अनुमान तीन अलग-अलग परिदृश्यों पर आधारित हैं, जो कि कार्य दिवसों और ईंधन संरक्षण के संदर्भ में हैं. खबर के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (वित्तीय वर्ष 2022) के पहले 10 महीनों (जुलाई-अप्रैल) के लिए पाकिस्तान का कुल तेल आयात 17 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 96 फीसदी की भारी वृद्धि को दर्शाता है.
खबर में कहा गया है कि इसमें 8.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम उत्पादों और 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर के कच्चे तेल का आयात शामिल है, जो क्रमशः 121 प्रतिशत और 75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों- बिजली और पेट्रोलियम प्रभाग को सलाह दी गई थी कि वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले विभिन्न क्षेत्रों के लागत और लाभ के विश्लेषण, बिजली संरक्षण सहित अपने अनुमानों को बताएं.
पीएम शहबाद के इस कदम से पड़ा अतिरिक्त बोझ
चालू वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों के दौरान, तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का आयात 3.7 अरब अमेरिकी डॉलर था, जो 83 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, हालांकि आयात मात्रा कम थी. खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कार्य दिवसों को सप्ताह में पांच से बढ़ाकर छह दिन करने का फैसला किया, जिससे बिजली और पेट्रोलियम खपत के रूप में अतिरिक्त बोझ पड़ गया था.
