भारत (India)अमेरिका( America)संबंध बुलंदी (Elevation)पर हैं और अमेरिका इस ‘खास रिश्ते’ (special relationship)को आगे बढ़ाने के प्रयास में लगा है। मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि अमेरिका भारत के साथ अपने सुरक्षा संबंध मजबूत( Strong)करना चाहता है और इसके लिए वह रूसी हथियारों(Russian weapons) पर भारत की निर्भरता कम करने के लिए एक सैन्य सहायता पैकेज तैयार कर रहा है।
केवल इजरायल और मिस्र को मिली है ऐसी सहायता
विचाराधीन पैकेज में 500 मिलियन डॉलर का विदेशी सैन्य वित्तपोषण शामिल होगा। अगर ऐसा होता है तो भारत इस तरह की अमेरिकी सैन्य सहायता पाने वाला इजरायल और मिस्र के बाद तीसरा देश होगा। मामले के जानकारों ने बताया कि 500 मिलियन डॉलर का अमेरिकी सैन्य वित्तपोषण भारत को इजरायल और मिस्र के बाद इस तरह की सहायता प्राप्त करने वाले सबसे बड़े प्राप्तकर्ताओं में से एक बना देगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस सौदे की घोषणा कब की जाएगी, या इसमें कौन से हथियार शामिल होंगे।
भारत से संबंध प्रगाढ़ करने में जुटा बाइडेन प्रशासन
बता दें कि अमेरिकी दबाव के बावजूद यूक्रेन पर रूसी अटैक को लेकर भारत ने रूस की आलोचना करने से परहेज किया है। हालांकि एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि रूस की आलोचना करने की अनिच्छा के बावजूद, भारत को सैन्य सहायता देने का प्रयास राष्ट्रपति जो बाइडेन के दीर्घकालिक संबंधों में छिपा है। उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन द्वारा भारत को एक दीर्घकालिक सुरक्षा भागीदार के रूप में पेश करने के लिए यह एक बहुत बड़ी पहल का हिस्सा है।
