शर्मनाक : अजमेर में मुनि का सेवा करने जाते थे भक्त, अकेले देख बच्चे को बनाना चाहा हवस का शिकार, लोगो ने मुनि को भगाया शहर से

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राजस्थान के अजमेर में सभ्य समाज को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. सांसारिक जीवन का त्याग कर संयम पथ अपनाकर समाज के बीच मुनि बनकर ज्ञान बांटने वाले शख्स ने बच्चे को हवस का शिकार बनाना चाहा. बच्चे ने घटना की जानकारी परिवार को दी. पिता ने लोगों को मामले से अवगत कराया तो सभी हैरान रह गए. बच्चे की आपबीती सुनाने पर मुनि ने घिनौनी हरकत करना कबूल लिया. लोगों ने मुनि से आचार्य पद, पिच्छिका और कमंडल छीन लिया. आरोपी की पिटाई कर शहर से बाहर भगा दिया. फिलहाल पीड़ित ने घटना की पुलिस को कोई रिपोर्ट नहीं दी है.

जानकारी के मुताबिक, अजमेर शहर के मदार इलाके में एक समुदाय का उपासना स्थल बना है. एक मुनि बीते करीब डेढ़ माह से लोगों को धार्मिक प्रवचन दे रहा था. समाज को जीवन जीने की कला सिखा रहा था. उसके ज्ञान से प्रभावित होकर सैकड़ों लोग रोजाना प्रवचन सुनने आते थे. कई लोग उसका दर्शन करने और आशीर्वाद लेने के लिए उपासना स्थल पहुंचकर सेवा भी करते. ऐसी ही सेवा के लिए एक बाप ने बेटे को मुनि के विश्राम गृह में भेजा. मुनि ने उससे हाथ-पैर की मालिश कराई. कक्ष में दोनों अकेले होने से मुनि ने बच्चे के साथ कुकर्म का प्रयास किया. बच्चा मौके से भागकर घर पहुंचा और पिता को आपबीती बताई.

पिता ने समाज को बताई मुनि की करतूत

बच्चे से मुनि के काले कारनामे सुनकर पिता ने 10 अप्रैल को समाज अध्यक्ष से घटना शेयर किया. अध्यक्ष ने समाज की पंचायत में कार्रवाई का आश्वासन दिया. दूसरे दिन 11 अप्रैल को कार्रवाई नहीं होने पर पिता ने समाज के पदाधिकारियों को मामला बताया और मुनि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. पिता की फरियाद पर समाज के एक दर्जन से अधिक लोगों ने उपासना स्थल पहुंचकर मुनि से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया. मुनि के कबूलनामे पर समाज के लोग आक्रोशित हो गए और पिटाई कर दी. आरोपी मुनि ने गलती स्वीकार करते हुए समाज को लिखित में माफीनामा दिया. इसके बाद समाज के पदाधिकारियों ने मुनि से आचार्य पद, पिच्छिका, कमंडल वापस लिया और कपड़े पहनाकर अजमेर से बाहर भेज दिया.

बाल संरक्षण आयोग ने माना गंभीर मामला

अजमेर की घटना को राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने गंभीर माना है. एबीपी न्यूज़ को बताया कि मामले में एसपी से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी जाएगी. अगर बच्चे के साथ किसी प्रकार का यौन शोषण हुआ है तो दोषी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई की जाएगी. बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजलि शर्मा ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि किसी नाबालिग के साथ यौन हिंसा की घटना गंभीर मामला है. पॉक्सो एक्ट के तहत आपराधिक कृत्य है. बच्चे के परिवार से बात करने का प्रयास किया मगर कोई कुछ बता नहीं रहा है.

शिकायत मिली तो कार्रवाई करेंगे- एसपी

घटना की जानकारी छिपाना अपराधियों को संरक्षण और अपराध को बढ़ावा देने जैसा है. समिति ने जिला कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. समिति का मानना है कि घटना का सच और झूठ सामने आना चाहिए. अजमेर एसपी विकास शर्मा ने एबीपी न्यूज़़ को बताया कि घटना की जानकारी मिली थी. पीड़ित परिवार से संपर्क भी किया था मगर उन्होंने पुलिस में शिकायत देने से मना कर दिया. अगर शिकायत मिली तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

नौ साल पहले भी पकड़ा गया था एक मुनि

मुनि के कुकर्म करने की पहली घटना नहीं है. नौ साल पहले भी वर्ष 2013 में ऐसा ही मामला सामने आया था. उस वक्त भी एक मुनि ने बच्चे से दुष्कर्म करने का प्रयास किया था. समाज के लोगों ने बदनामी से बचने के लिए तब भी कोई कार्रवाई नहीं की और अपने स्तर पर ही मामला निपटा दिया. समाज ने उस मुनि से भी आचार्य पद, पिच्छिका, कमंडल छीनकर भगा दिया. लोगों का कहना है कि उस वक्त कानूनी कार्रवाई की जाती तो फिर किसी की ऐसी हरकत करने की हिम्मत नहीं होती.