मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर वित्त मंत्री पहली बार विधानसभा में अपना पहल बजट पेश किया , देखे क्या – क्या है बजट में |

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        छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतौर वित्त मंत्री पहली बार विधानसभा में राज्य का 19 वां बजट और अपना पहल बजट पेश कर रहे है | बजट में ग्रामीण किसानों की हितकारी छवि दिखाई दे रहा है | किसानों की उम्मीदों में रंग भरने वाला इस बजट को कई मायनों में ऐतिहासिक कहा जा सकता है |  भूपेश सरकार ने पहली प्राथमिकता पूरी तरह से गांव और किसानों पर केन्द्रित किया है |  भूपेश सरकार बता दिया है कि छत्तीसगढ़ पूरी तरह ग्रमीण भारत का प्रदेश का है |  इस प्रदेश की तरक्की या कहिए कि अर्थ व्यवस्था का आधार कृषि है |  लिहाजा किसानों की आय बढ़ाने, कृषि विकास के लिए भूपेश सरकार की ओर से 21 हजार करोड़ बजट कृषि विभाग के लिए रखा गया है |   हमने 61 सौ करोड़ किसानों के कर्ज के साथ 4 हजार करोड़ के अल्पकालीन कृष ऋण को माफ किया है |  हमने 25 सौ रुपये समर्थन मूल्य धान खरीदी का निर्णय लिया है |  प्रथामिकता वाले योजनाओं पर ध्यान हमने दिया है | मुख्यमंत्री बघेल ने इसमें सरकार के सूत्र वाक्य नरवा-गरवा-घुरवा-बारी के जरिए गांवों की तरक्की के लिए 1 हजार करोड़ से अधिक बजट रखा है |  इसमें गांव के लोगों को रोजगार मुहैय्या कराने इसे मनरेगा से जोड़ा गया है |  मतलब किसानों के साथ-साथ गांव और गांव वालों की तरक्की के ढेरों प्रावधान बजट में है | कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने भाषणों में प्रदेश के फूड प्रोसेसिंग यूनिट खोले जाने की घोषणा की थी |  इसे अमल में लाते हुए सरकार ने पहले ही बजट में 5 फू़ड पार्क खोलने के साथ 50 हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि का प्रावधान किया है |  

            सरकार ने अपना एक और बड़ा चुनावी वादा पूरा करते हुए बजट में बिजली बिल हाफ कर दिया है  |  इस फैसले के बाद उपभोक्ताओं के 400 यूनिट तक का बिजली बिल हाफ हो जाएगा |  इसके लिए विद्युत वितरण करने वाली कंपनी पर पड़ने वाले भार को कम करने 400 करोड़ का प्रावधान किया गया  है |  गौरतलब है कि विद्युत वितरण कंपनी ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए तीन स्लैब हैं | जिसके अनुसार वर्तमान में 40 यूनिट तक 3.70 रुपये प्रति यूनिट, 200 यूनिट तक 3.80 रुपये प्रति यूनिट और 201 से 600 यूनिट तक 5.30 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल लिये जा रहे हैं |  वर्तमान में अगर बात करें तो राज्य में 19 लाख से ज्यादा बीपीएल उपभोक्ता हैं, वहीं 4 लाख उपभोक्ता एपीएल और 46 लाख अन्य उपभोक्ता हैं |  बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद विद्युत वितरण कंपनी पर 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा, जिसकी भरपाई राज्य सरकार करेगी | 

            गांव, खेती और किसान से जुड़ी ये है खास-बातें , कृषि ऋण माफ करने के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान , गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने के लिए 4 हजार करोड़ का प्रावधान , 25 सौ रुपये समर्थन मूल्य के लिए 5 हजार करोड़ का प्रावधान , व्यवसायिक बैकों में बांटे गए 4 हजार करोड़ का अप्लपाकलीन कृषि ऋण माफ , किसानों के 207 करोड़ का सिंचाई कर माफ , किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता , गन्ना किसानों को 10 करोड़ का बोनस दिया जाएगा ,  नरवा-गरवा-घुरवा-बारी के लिए 1 हजार करोड़ का प्रावधान ,  कृषि विकास के लिए 21 हजार करोड़ का प्रावधान , मक्का खरीदी की व्यवस्था को पुख्ता किया जाएगा , फसल बीमा योजना में बढ़ोत्तरी ,बेमेतरा में नवीन कृषि महाविद्यालय खोला जाएगा , गरीब परिवारों को 35 किलो चावल देने के लिए 4 हजार करोड़ का प्रावधान , बिजली बिल हाफ के लिए 4 सौ करोड़ का प्रावधान , विधायक निधि की राशि बढ़ाकर 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया गया , आरक्षक से लेकर निरीक्षक तक के भत्ते के लिए 45 सौ करोड़ का प्रावधान , एससी-एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति 1 हजार प्रतिमाम , मध्यान भोजन के लिए रसोईयों को अब प्रतिमान 15 सौ रुपये मिलेगा , गिरौदपुरी और भंडारपुरी और दामाखेड़ा में विकास के लिए 5-5 करोड़ , किसानों के 207 करोड़ का सिंचाई कर माफ , किसानों की आय बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता  , गन्ना किसानों को 10 करोड़ का बोनस दिया जाएगा , मक्का खरीदी की व्यवस्था को पुख्ता किया जाएगा