पंजाब विधान सभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर आम आदमी पार्टी ने बदलाव की नई राजनीति की शुरूआत की है. पंजाब विधान सभा में प्रचंड बहुमत यानी 117 सीटों में से 92 पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी ने संकेत दे दिये हैं कि अब उसका आधार सीमित रहने वाला नहीं है. पार्टी ने नई मंजिल की तैयारियां शुरू करते हुए अपना फोकस हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों पर कर दिया है जहां आने वाले वक्त में चुनाव होने हैं.
‘सदस्यता अभियान पर बड़ा दावा’
आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली कामयाबी का असर इन दोनों राज्यों में दिखने लगा है. आम आदमी पार्टी से राज्य सभा सदस्य और हरियाणा प्रदेश प्रभारी सुशील गुप्ता ने दावा किया कि सिर्फ चार दिन चले सदस्यता अभियान में एक लाख से ज्यादा लोग AAP से जुड़ चुके हैं. जबकि 40 विधायक और सांसद भी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं.
उन्होंने ये भी कहा, ‘हरियाणा के अंदर सौ प्रतिशत झाड़ू चलेगी. हरियाणा के अंदर केजरीवाल का गुड गवर्नेंस मॉडल आएगा और हरियाणा की जनता आज उन्हें लाने के लिए बेकरार है. अगर आज की तारीख में चुनाव हो जाए तो हरियाणा के अंदर 90 में से 80 सीटें आम आदमी पार्टी की आ रही हैं.’
क्या कहते हैं आकड़े?
हरियाणा में 2019 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी (BJP) ने सबसे ज्यादा 40 सीटें जीती थी लेकिन सरकार बनाने के लिए उसे जननायक जनता पार्टी (JJP) का साथ लेना पड़ा. वहीं अगले चुनाव से दो साल पहले ही आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में नए सिरे से संगठन को मजबूत करने की शुरूआत कर दी है जिससे ये संकेत मिलता है कि आगे यहां बीजेपी की राह पहले जैसी आसान नहीं होगी.