दिल्ली। आयकर विभाग की बड़ी सफलता, 9 मार्च को पुणे और ठाणे स्थित यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप ग्रुप पर एक सर्च और सीज ऑपरेशन चलाया जो मुख्य रूप से कंस्ट्रक्शन मटैरियल का होलसेल और रिटेल का व्यापार करता है. बता दे की इस ग्रुप का पूरे भारत में ऑपरेशन है इसका सालाना व्यापार करीब 6 हजार करोड़ रुपए का है. आयकर विभाग इस छापेमारी में कुल 23 जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाने गई थी जोकि महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में है.
सर्च ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में इंक्रिमिनेटिंग सबूत मिले हैं जो की हार्ड कॉपी डॉक्यूमेंट और डिजिटल डेटा के स्वरूप में हैं.
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया की जो सबूत सर्च ऑपरेशन के दौरान मिले हैं उनसे यह पता चलता है की इस ग्रुप ने फर्जी खरीद की है बेहिसाब नकद खर्च किया है और यह सब राशी मिलाकर करीब 400 करोड़ रुपये हो रही है.
इन सबूतों को इस ग्रुप के डिटेक्टर से कनफ्रंट कराया गया है जिसने इस समूह की पूरी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी है. इसके अलावा उसने 224 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय का खुलासा किया है. सर्च कार्रवाई से पता चलता है कि इस ग्रुप ने प्रीमियम शेयर जारी करके मॉरीशस के जरिए बड़ी मात्रा में विदेशी धन प्राप्त किया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान आयकर विभाग को मुंबई और ठाणे स्थित कुछ शेल कंपनियों के हवाला नेटवर्क का भी पता चला. ये शेल कंपनियां कागज पर मौजूद हैं और केवल एंट्री करने के उद्देश्य से बनाई गई थी. नकद समेत जब्त किये गये ज्वेलरी के सामान हमें प्रारंभिक विश्लेषणों से पता चलता है कि इन शेल कंपनियों द्वारा प्रदान की गई इंट्री तकरीबन 1,500 करोड़ रुपयों की है. अब तक एक करोड़ रुपए जिसका कोई हिसाब नहीं था और 22 लाख रुपए कीमत की ज्वेलरी ये सब सामान जब्त किए गए हैं.