अवैध वसूली के केन्द्र बने शहर के कोचिंग सेंटर , अधिकांश केन्द्रों में मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नही | फीस के नाम पर ठगे जा रहे युवा बेरोजगार व छात्र |

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उपेंद्र डनसेना /

रायगढ़।  महानगरों व उप महानगरों की तर्ज पर रायगढ़ में भी पिछले कुछ वर्षो से कोचिंग सेंटरों की बाढ सी आ गई है। शहर के भीतर तथा आसपास शताधिक संख्या में छोटे बडे कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं जहां एक तरफ नियमो को ताक में रखकर पढ़ाई हो रही है तो दूसरी ओर फीस के नाम पर जबर्दस्त वसूली की जा रही है। गजब की बात यह है कि शासन प्रशासन और शिक्षा विभाग का इन कोचिंग सेंटरों पर कोई नियंत्रण ही नही है। 

प्रतिस्पर्धा की शिक्षा और युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी के बीच रायगढ़ शहर तथा आसपास में कोचिंग सेंटरों ने अवैध उगाही का अपना एक मुकाम गढ़ लिया है। रायगढ़ शहर और आसपास में छोटे बडे करके सौ से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। जहां प्रशिक्षित लोगों के द्वारा युवाओं को कोचिंग देने के नाम पर मात्र एक कमरे में ही कोचिंग सेंटर संचालित कर लिए जाते हैं और उन छात्रों से नियम कायदो को तिलांजलि देकर हजारों रूपए की मासिक या वार्षिक शुल्क के रूप में अवैध वसूली की जा रही है। कई सेंटरों में हालात यह है कि प्रतिस्पर्धी छात्र-छात्राओं को फीस की रसीद तक नही दी जाती और उल्टे छात्रों से प्रवेश फार्म के नाम पर भी राशि ले ली जाती है। 

वैसे तो इन कोचिंग सेंटरों को संचालित करने के लिए भी प्रशासन की ओर से कुछ नियम कायदे बनाए गए हैं जिनमें कमरों की संख्या , प्रसाधन कक्ष, प्रशिक्षित लोगों की नियुक्ति और विषय विशेषज्ञों की सेवाएं लेने जैसे नियम बने हुए हैं। लेकिन शहर के भीतर संचालित होने वाले अधिकांश कोचिंग सेंटर न तो इनका पालन करते हैं और न ही इन सेंटरों में ऐसी वाजिब सुविधाएं उपलब्ध है। ऊपर से तुर्रा यह कि प्रवेश फार्म के नाम पर तो कभी मासिक व वार्षिक शुल्क के नाम पर यहां कोचिंग करने आने वाले छात्र-छात्राओं से हजारो रूपए की वसूली की जा रही है। यदि प्रशासनिक स्तर पर इन कोचिंग सेंटरों की सूक्ष्म जांच कराई जाए तो दर्जनों की संख्या में कोचिंग सेंटर अमानक स्तर के मिल सकते हैं। लेकिन न तो प्रशासन का इस ओर ध्यान है और न ही शिक्षा विभाग इस मामले में कोई पहल कर रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप स्कूल से लेकर कॉलेज के विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों की पढ़ाई तथा पीएससी से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के नाम पर युवा बेरोजगार ठगे जा रहे हैं।