दुर्ग| दुर्ग केंद्रीय जेल में एक विचारधानी कैदी ने सुसाइड करने का प्रयास किया है. घायल कैदी को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां उसकी हालात अभी सामान्य बताई जा रही है. बता दें कि विचारधानी कैदी का आरोप है कि वह दुर्ग जेल से उड़ीसा के संबलपुर जाना चाह रहा था लेकिन जेल प्रशासन उसे जाने नहीं दे रहा था.
नस काटकर सुसाइड करने का किया प्रयास
मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग केंद्रीय जेल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक विचारधानी कैदी राजेश थापा ने जेल के अंदर ही ब्लेड से अपने गले का नस काटकर सुसाइड करने का प्रयास किया. घायल कैदी को आनन-फानन में जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल भर्ती कराया.जानकारी के अनुसार विचारधानी कैदी वर्ष 2015 में डकैती के मामले में जेल में बंद था और लगातार वो दुर्ग जेल से उड़ीसा संबलपुर जाना चाह रहा था. लेकिन जेल प्रशासन उसे नहीं जाने दे रहे थे. जिससे परेशान होकर विचारधानी कैदी ने धारदार ब्लेड से अपने गले पर वार कर लिया.
दुर्ग सीएसपी जितेन्द्र यादव ने बताया कि केंद्रीय जेल में एक विचारधानी कैदी ने सुसाइड करने का प्रयास किया है. जो खुद के गले पर धारदार ब्लेड से वार कर घायल हो गया था. जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बहरहाल कैदी ने किस कारणों से यह कदम उठाया है ये जांच का विषय है. इस मामले में जेल प्रशासन जांच करेगा.
कैदी ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
विचारधानी कैदी राजेश थापा ने दुर्ग जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि वर्ष 2015 से डकैती के मामले में दुर्ग केंद्रीय में बंद है और उसका जमानत भी हो चुका है. उसके बाद भी जेल प्रशासन उसे संबलपुर उड़ीसा जाने के लिए अनुमति नहीं दे रहा है, और ना भेज रहा है. कैदी राजेश थापा का आरोप है कि अनुमति देने के लिए जेल प्रबंधन द्वारा लगातार पैसे की डिमांड कर रहे हैं. लेकिन पैसे के अभाव के चलते कैदी को दुर्ग जेल में ही अभी तक रखा गया है. जिससे परेशान होकर विचारधानी कैदी राजेश थापा ने यह आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हो गया.