बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में सरकार के काम-काज की हकीकत बयां करने वाले पत्रकारों के घरों में चलेगा बुलडोजर, ख़बरों से नाराज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप मंत्री मोहम्मद अकबर ने दिए कार्यवाही के निर्देश, कल सुबह से होगी कार्यवाही, पत्रकारों में आक्रोश

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रायपुर| छत्तीसगढ़ में अब पत्रकारों और पत्रकारिता पर राज्य की कांग्रेस सरकार दबाव बनाने के लिए नया हथकंडा अपनाने जा रही हैं| इसके तहत उन पत्रकारों को निशाने पर लिया गया हैं, जो सरकारी काम-काज की हकीकत बयां कर रहें हैं| खासतौर पर सरकारी अफसरों की कार्यप्रणाली और गैरकानूनी कार्यों का खुलासा करने वाले पत्रकारों को प्रताड़ित करने के लिए उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की रणनीति बनाई गई हैं|

सूत्र बता रहें हैं कि कल यानि रविवार सुबह से कुछ चुनिन्दा पत्रकारों के घरों पर एनआरडीए के अफसरों को दबिश देने के निर्देश दिए गए हैं| सूत्रों के मुताबिक नया रायपुर में निवासरत पत्रकारों के घरों में रविवार सुबह बुलडोजर चलाया जायेगा| इसके लिए एनआरडीए ने रायपुर नगर निगम को बुलडोजर और जेसीबी मशीनों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं| यह पहला मौका हैं जब राज्य में पत्रकारों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह की कार्यवाही की जा रही हैं| इसके पूर्व पत्रकारों को फर्जी प्रकरणों में गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही आम-नजारा बन चुकी थी| लेकिन अब पत्रकारों के घरों को भी तोड़-फोड़ करने की कार्यवाही को अंजाम दिया जाना सुनिश्चित किया गया हैं|

दरअसल व्यापक भ्रष्टाचार के चलते एनआरडीए दिवालिया होने की कगार पर पहुँच गया हैं| उसपर विभिन्न बैंकों का लगभग 2 हजार करोड़ बकाया हैं| हालहिं में यूनियन बैंक रायपुर ने कर्ज की अदायगी को लेकर एनआरडीए की जमीनों और बिल्डिंग को कुर्क कर लिया था| इस दौरान आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर की कार्यप्रणाली पर बीजेपी ने सवालिया निशान लगाया था| एनआरडीए में बड़े पैमाने में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कई पत्रकारों ने हकीकत बयां की थी| बताया जाता हैं की तथ्यात्मक रिपोर्टिंग से नाराज आवास और पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर इतने बिखरे की उन्होंने पत्रकारों को सबक सिखाने का बीड़ा उठा लिया| सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गलत जानकारी देकर पत्रकारों पर दबाव बनाने के लिए उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की योजना पर सहमती ली गई हैं|

जानकारी के मुताबिक कुछ चुनिन्दा पत्रकारों के खिलाफ सरकारी अफसरों ने भी इस तरह की गैरकानूनी कार्यवाही का विरोध किया है, लेकिन मंत्री स्तर पर निर्देशित किए जाने के बाद उन अफसरों ने भी अब चुप्पी साध ली हैं| अफसर, इस तरह की गैरकानूनी कर्यवाही के पक्षधर नही हैं| लेकिन मंत्री जी के दवाब में वे मजबूरन रविवार को नया रायपुर का रुख करेंगे| बताया जाता हैं की एनआरडीए के गठन से पूर्व हजारों लोग नया रायपुर में निवासरत हैं| ये लोग आजीविका के लिए खेती-किसानी से लेकर सामान्य कारोबार करते हैं| हालहिं में नया रायपुर में काबिज कई लोगों को एनआरडीए ने गैरकानूनी नोटिस जारी कर मुश्किल में डाल दिया था| इस नोटिस में कहा गया था की इन लोगों ने कृषि जमीन पर निर्माण कार्य किया हैं| उस भूमि पर स्थाई-अस्थाई निर्माण को हटाने के लिए एनआरडीए ने स्थानीय लोगों पर एक-के-बाद-एक कई नोटिसों की बौछार कर दी थी| जबकि यह इलाका पंचायतों के अधिन हैं|

एनआरडीए के गठन में भी इस तरह की कार्यवाही का कोई प्रावधान नही हैं| बावजूद इसके स्थानीय लोगों को उसने ‘डाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग’ के मार्फ़त नोटिस जारी कर एनआरडीए ने क़ानूनी दाव-पेचों का हथकंडा अपनाया हैं| पुष्ट जानकारी के मुताबिक एनआरडीए के गैरकानूनी नोटिसों को कुछ लोगों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी| यहाँ अदालत के संज्ञान में असलियत जाहिर होने पर एनआरडीए ने बगैर शर्त उन नोटिसों को निरस्त कर दिया था| लेकिन अब वही गैरकानूनी नोटिसों को नई तिथि में जारी कर एनआरडीए ने पत्रकारों के घरों पर निशाना साधा हैं|

पीड़ितों के मुताबिक नया रायपुर में बसाहट को लेकर राज्य सरकार ने कई कवायतें की हैं| इसके तहत हाऊसिंग बोर्ड के मकानों को रियायती दरों पर लोगों को उपलब्ध कराया गया हैं| कई निजी बिल्डरों को आवासीय एवं व्यवसायीक योजना के लिए भवन निर्माण की मंजूरी एनआरडीए ने दी हैं| वहीँ दूसरी ओर कुछ लोगों को इस तरह के नोटिस जारी कर प्रताड़ित भी किया जा रहा हैं| जानकरी के मुताबिक नया रायपुर में निवासरत कुछ पत्रकारों के घरों पर बुलडोजर चलने के लिए एनआरडीए ने इसी गैरकानूनी दाव-पेचों का सहारा लिया हैं|

न्यूज़ टुडे संवाददाता ने इस मामले की जानकारी के लिए एनआरडीए के चेयरमैन आरपी मंडल से संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नही किया| यही हाल आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर से संपर्क किए जाने पर हुआ| फ़िलहाल इस गैरकानूनी कार्यवाही को लेकर पत्रकारों ने आक्रोश जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मामले की निष्पक्ष जाँच की मांग की हैं|