नई दिल्ली:- रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख 30 हजार सैनिकों को जुटा रखा है, जिससे मास्को के आक्रमण करने की आशंका पैदा हुई है। अमेरिका इस बात से सहमत है कि अब भी एक कूटनीतिक रास्ता निकल सकता है, वाशिंगटन, ब्रिटेन और अन्य सहयोगी देशों ने यह चेतावनी देनी जारी रखी है कि वे सैनिक किसी भी क्षण यूक्रेन की ओर बढ़ सकते हैं। हालांकि, रूस ने इस बात से इनकार किया है कि यूक्रेन पर आक्रमण करने की उसकी कोई योजना है, जबकि वह यूक्रेन की सीमा पर उत्तर, दक्षिण और पूर्व दिशा से सैनिक जमा कर रहा है तथा पास में बड़े सैन्य अभ्यास कर रहा है।
दूसरी ओर अमेरिका, ब्रिटेन और उनके अन्य सहयोगी देश पहले ही कह चुके हैं कि रूसी सैनिक बुधवार तक यूक्रेन तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, रूस यूक्रेन पर आक्रमण की बात से इनकार कर रहा है। रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा है कि पश्चिमी देशों द्वारा रूस की मांगें ठुकराए जाने के बावजूद रूस को इस मामले पर और बातचीत करनी चाहिये।
लावरोव ने कहा कि वार्ताएं अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकती, लेकिन मैं इन्हें जारी रखने और व्यापक रूप देने का सुझाव दूंगा। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस के इस रुख का स्वागत किया है। व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी कारीन जीन-पियरे ने कहा, ”अगर रूस रचनात्मक वार्ता में शामिल होने का विकल्प चुनता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध हैं।”
गौरतलब है कि रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि सैन्य अभ्यासों में भाग ले रही सेना की कुछ टुकड़ियां अपने अड्डे पर लौटना शुरू कर देंगी। इसे रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन द्वारा तनाव घटाने के एक अन्य संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये सैनिक कहां पर तैनात हैं या कितने सैनिक लौट रहे हैं।