नई दिल्ली| 14 फरवरी साल 2019 का दिन वो ‘काला दिन’ है जब देश ने अपने 40 जाबांजो को पुलवामा आतंकी हमले में खो दिया था। देश का कोई भी नागरिक इस दिन को नहीं भुला सकता, आखिर भुला भी कैसे दे जब इन 40 जवानों की शहादत पर देश के हर हिस्से में सिर्फ मातम था। इस दिन जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर तेजी से आगे बढ़ रहे CRPF जवानों के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ और भारत के 40 वीर जवान शहीद हो गए थे।
आज इस आतंकी हमले को तीन वर्ष हो चुके है, बावजूद इसके जख्म और दर्ज वैसा का वैसा ही है। पुलवामा आतंकी हमले की तीसरी बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं 2019 में आज के दिन पुलवामा में शहीद हुए सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं और हमारे देश के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा को याद करता हूं। उनकी बहादुरी और सर्वोच्च बलिदान प्रत्येक भारतीय को एक मजबूत और समृद्ध देश की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है।”
सीआरपीएफ ने हमले की बरसी पर कहा कि “ना माफ़ करेंगे, ना कभी भूलेंगे”। सीआरपीएफ की ओर से किए गए ट्वीट में लिखा गया कि “तुम्हारे शौर्य के गीत, कर्कश शोर में खोये नहीं। गर्व इतना था, कि हम देर तक रोये नहीं। ‘We did not Forgive, will never Forget’ हम अपने उन भाइयों को सलाम करते हैं जिन्होंने 2019 में इस दिन पुलवामा में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दे दी। हम उनके परिवारों के हमेशा ऋणी रहेंगे।”
आज के दिन देश को लगी थी आतंकी नजर
पुलवामा में नेशनल हाईवे पर जा रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के काफिले पर आतंकवादियों ने छिपकर निशाना बनाया। 14 फरवरी, 2019 की दोपहर के वक्त 300 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी ने सीआरपीएफ वाहन को टक्कर मारकर काफिले को उड़ा दिया था। आतंकी हमले के बाद जवानों को नजदीक के आर्मी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, लेकिन मौके पर ही बड़ी संख्या में जवानों ने दम तोड़ दिया था।
12 दिनों के भीतर लिया बदला
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सिर्फ 12 दिनों के भीतर ही इसका बदला ले लिया था। 26 फरवरी, 2019 को रात के तकरीबन तीन बजे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल को पार करके बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान द्वारा पोषित 300 आतंकियो को मौत के घाट उतार दिया गया था।