लखनऊ:- विधायकों व सांसदों और मंत्रियों को सरकार की तरफ से बहुत सी सुविधा दी जाती है। जनता को संसद की कैंटीन में सस्ते भोजन की ही जानकारी थी लेकिन अब जान लीजिए कि माननीयों को मात्र तीस रुपये में डबल कमरे के सुइट में होटल सरीखी सुविधा सर्किट हाउस में प्रदान की जाती है। चुनाव अधिसूचना लागू हो जाने के बाद उन्हें कुछ अधिक किराया देना पड़ता है। अधिसूचना जारी होने के बाद दो कमरे के सुइट और गवर्नर सुइट का किराया बढ़कर 425 रुपया हो जाता है। इसे जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों को अपनी जेब से देना पड़ता है।
नियमानुसार सर्किट हाउस में आचार संहिता लागू होने के दौरान ठहरने पर किसी भी जनप्रतिनिधि व मंत्री या जो सर्किट हाउस में रुकने के लिए अधिकृत हैं उसे कोई रोक नहीं है। केवल वहां पर वह कोई बैठक आदि नहीं कर सकता है। कर्मचारी बताते हैं कि बैठक आदि करने पर रोक के कारण ही यहां ठहरने के लिए नहीं आते हैं। इस लिहाज से माननीयों के ठहरने के लिए सर्किट हाउस अधिसूचना जारी होने के बाद लाभ का सौदा नहीं रहता। इसलिए पांच साल तक वीआइपी सुविधा लेने वाले माननीयों से चुनाव के दौरान सर्किट हाउस खाली रहते हैं।