नई दिल्ली:- स्टेट बैंक ऑफ़ इण्डिया ने आखिर वो आदेश वापस ले लिया जिसमे तीन माह से अधिक की गर्भवती महिलाओं को बैंकिंग कार्य के लिए अनफिट करार दिया गया था. बैंक की ओर से जारी अजीबो गरीब शर्त वाली गाइड लाइन से सिर्फ SBI ही नहीं बल्कि बैंकिंग सेक्टर की तमाम महिलाएं भड़की हुई थी. इस गाइड लाइन को लेकर दिल्ली महिला आयोग ने भी सवाल जवाब शुरू कर दिया था. उसने SBI को नोटिस तक भेज दिया था. मामले को तूल पकड़ता देख SBI ने अपने कदम वापस खींच लिए. विवाद से बचने के लिए उसने गाइड लाइन के उस दिशा निर्देश को वापस लेना ही मुनासिब समझा. जिसमे तीन माह से अधिक की गर्भवती महिलाओं को बैंकिंग कार्य के लिए अनफिट करार दिया गया था.
नए आदेश में SBI ने बताया कि वह भावनाओं का ध्यान रखते हुए बदले हुए भर्ती नियमों पर रोक लगा रहा है. आगे होने वाली भर्तियां पुराने नियमों के आधार पर ही की जाएंगी.इससे पहले एसबीआई में एसबीआई में नियुक्ति के लिए छह महीने तक की गर्भवती महिलाओं को योग्य समझा जाता था. हालांकि, उन्हें डॉक्टर के सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती थी. लेकिन 31 दिसंबर को बैंक ने एलान किया कि तीन महीने से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को सर्विस के लिए अस्थाई तौर पर अनफिट माना जाएगा.मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने SBI को नोटिस जारी किया था. साथ ही स्वाति ने मांग की थी कि ऐसे दिशा-निर्देशों के पीछे की प्रक्रिया के गठन और उन्हें मंजूरी देने वाले अधिकारियों के नाम भी शेयर किया जाए.स्वाति ने नए नियम को भेदभावपूर्ण और अवैध बताया था. वहीं, नए नियम को ऑल इंडिया स्टेट बैंक एम्पलाई यूनियन ने भी गलत बताया था. यूनियन ने प्रबंधन से इस नियम को वापस लेने की अपील की थी.