उज्जैन: आमतौर पर शादी विवाह में मेहमानों पर ख़ास नज़र होती है. शादी विवाह में शामिल होने वाले वीआईपी मेहमानों से बाराती और घराती दोनों सुर्ख़ियों में रहते है. लेकिन इस शादी में शामिल हुए मेहमान किसी वीआईपी से कम नहीं थे. लिहाज़ा यह शादी अब देश भर में चर्चा का विषय बन गई है. समाज को उसने ऐसा संदेश दिया है कि कई नौजवान उस पर अमल करने की सोच रहे हैं. दरअसल इस परिवार ने ऐसे मेहमान बुलाए, जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी.दूल्हा-दुल्हन ने रिसेप्शन में इनकी अगवानी की. दरअसल ये मेहमान इलाके के 50 दिव्यांग बच्चे थे. नव दम्पत्ति ने इन्हें अपने हाथों से खिलाया खाना खिलाया, इस नज़ारे को देखकर समारोह में शामिल लोगों की आंखें छलक आई.इस आमंत्रण से खुश इन बच्चों ने नवदंपति को गिफ्ट भी दिया। वहीं दूल्हा-दुल्हन ने बच्चों को रिटर्न गिफ्ट में 5100 रुपए भी दिए।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में ये संपन्न हुई.यहां दूल्हा-दुल्हन ने 50 से अधिक दिव्यांग बच्चों को रिसेप्शन पर बुलाया था. भोजन के दौरान दूल्हा-दुल्हन ने इनके साथ फोटो खिंचवाई और खूब मस्ती भी की। ये नन्हें मेहमान व्हील चेयर पर बैठकर इस शादी का लुफ्त उठा रहे थे. उनके चेहरों की मुस्कान देखकर कार्यक्रम में मौजूद घराती और बारातियों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।
इंदौर के कमलेश अग्रवाल के पुत्र अमन और इंदौर के ही व्यवसाई घनश्याम मेडतवाल की सुपुत्री अवनी का विवाह उज्जैन में संपन्न हुआ। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शादी का वेन्यू उज्जैन में रखा गया था। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सिर्फ 50 मेहमानों को ही रिशेप्शन में आमंत्रित किया था। घर के बड़ों ने काफी विचार विमर्श के बाद स्थानीय अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम जाकर दिव्यांगों को विवाह का निमंत्रण दिया।
सेवाधाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने कहां की यह गौरव की बात है कि विवाह समारोह में दिव्यांग बच्चों को भी बुलाया गया था। गौरतलब है कि दूल्हे के दादा डॉ. राजेंद्र अग्रवाल इंदौर के जाने-माने चाइल्ड स्पेशलिस्ट हैं। उन्होंने कहा कि अपने जीवन में सैकड़ों विवाह में शामिल हुआ। लेकिन विवाह के रिसेप्शन में इस तरह का दृश्य उन्होंने पहली बार देखा। दुल्हन अवनी बोली कि उसे बहुत अच्छा लगा, दूल्हा बने अमन ने कहा कि सेवाधाम आश्रम से जितने भी बच्चे आए बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहाकि हमने बच्चों के साथ एंज्वॉय किया।नव दम्पत्ति ने यह भी कहा कि वे इन बच्चों से आगे भी मिलते रहेंगे।