रायपुर:- छत्तीसगढ़ में शीतलहर के बीच सियासी तापमान गर्माया हुआ है. महात्मा गांधी पर विवादित टिप्पणी करने वाले बाबा कालीचरण के समर्थन में अब भाजपा खुलकर सामने आ गई है. वैसे तो कालीचरण को कांग्रेस से जुड़े वरिष्ठ नेताओं और सहयोगियों से धर्म संसद में आमंत्रित किया था. लेकिन उनकी रिहाई को लेकर बीजेपी का सडकों पर उतरना शुरू हो गया है. आज बीजेपी नेताओं ने कालीचरण की रिहाई को लेकर धरना प्रदर्शन किया. भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने के नेतृत्व में कालीचरण की रिहाई और उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह की धारा को हटाने की मांग की गई. ख़ासबात यह है कि, धरने में पर बैठने जा रहे है.
धर्म संसद के आयोजकों में से एक रहे नीलकंठ त्रिपाठी सहित संत-समाज से जु़ड़े लोग मौजूद थे. इस मौके पर बीजेपी नेता सच्चिदानंद उपासने ने आरोप लगाया कि,कांग्रेस सरकार धार्मिक माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है. सारे विवाद की जड़ कांग्रेस और राज्य सरकार है. उन्होंने कालीचरण पर लगे राजद्रोह के केस को हटाने और उनकी जेल से जल्द रिहाई की मांग की. नीलकंठ त्रिपाठी ने भी यही मांग दोहराई.
रायपुर में 26 दिसंबर को आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी पर विवादित व्याख्यान देने पर कालीचरण के खिलाफ रायपुर के टिकरापारा थाने में कांग्रेस के नेताओं ने एफआइआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने वीडियो क्लिप देखने के बाद धारा 153 ए(1) (ए), 153 बी (1) (ए), 295 ए, 505(1) (बी) , 124 ए के तहत केस दर्ज कर कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार करने के बाद रायपुर कोर्ट में पुलिस ने पेश किया जहां से कालीचरण को 14 दिनों तक न्यायिक हिरासत में कोर्ट ने भेज दिया था। इसके साथ ही कालीचरण पर महाराष्ट्र के अकोला, वर्धा जिले में भी विवादित व्याख्यान को लेकर केस दर्ज किया गया था। रायपुर से दो बार महाराष्ट्र पुलिस कालीचरण को रिमांड पर लेकर गई थी। उसके बाद रायपुर से कालीचरण रायपुर जेल में हैं। रायपुर कोर्ट से कालीचरण की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनके वकीलों ने हाईकोर्ट बिलासपुर का दरवाजा खटखटाया है.