‘घाट घाट पर पानी बदले कोस कोस पर वाणी’,गांव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक बोलते हैं फर्राटेदार संस्कृत…

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नई दिल्ली:-  कर्नाटक में मत्तूरु नाम का एक गांव है. यहां दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा को लोगों ने अपने रुटीन में शामिल कर लिया है. मत्तूर गांव तुंग नदी के किनारे बसा है, जो कि बेंगलुरु से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. एक जानकारी के मुताबिक इस गांव में संस्कृत प्राचीन काल से ही बोली जाती है. लेकिन समय के साथ यहां के लोग भी कन्नड़ भाषा बोलने लगे थे, मगर पेजावर मठ के स्वामी ने इसे संस्कृत भाषी गांव बनाने का आह्वान किया था. इसके बाद से सारे लोग आपस में संस्कृत में बातें करने लगे.

देश में कई भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं. अपने कई राज्यों का विभाजन भी भाषा के आधार पर ही हुआ है. ऐसे में आज भी एक ऐसा गांव है, जहां हर कोई संस्कृत में बात करता है. आप कह सकते हैं कि इस गांव की भाषा संस्कृत है. फिर वो चाहे हिंदू हो या मुसलमान, इस गांव में रहने वाले सभी लोग संस्कृत में ही बातें करते हैं. आसपास के गांवों में लोग कन्नड़ भाषा बोलते हैं, लेकिन मत्तूर में ऐसा नहीं है. यहां का बच्चा-बच्चा संस्कृत में बात करता है.