नई दिल्ली:- गणतंत्र दिवस नजदीक है,देशभक्ति के ज्वार का पारा अपने रंग में है. ऐसे समय में इण्डिया गेट के इर्द-गिर्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए जा रहे फैसले ने विरोधी खेमे में हड़बड़ी और बेचैनी का सबब बनी हुई है. अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय के फैसले ने राहुल गांधी की नाराजगी के साथ अमली जामा पहना ही था कि लगे हांथ प्रधानमंत्री मोदी के एक एलान से ममता दीदी परेशान हो गई है. नेता जे सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर केंद्र सरकार ने इण्डिया गेट पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है. गौरतलब है कि सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने की बात ऐसे समय पर सामने आई है जब बंगाल सरकार और केंद्र सरकार नेताजी की 125वीं जयंती के मौके पर पश्चिम बंगाल की झांकी को लेकर आमने सामने है.
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इण्डिया गेट पर 23 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी नेताजी की एक होलोग्राम मूर्ति का अनावरण करेंगे। 28 फिट ऊँची और 6 फिट चौड़ी ग्रेनाईट पत्थर से बन रही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मूर्ती को बाद में इस स्थान पर स्थाई रूप से स्थापित किया जाएगा. इंडिया गेट और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के बीच खाली खड़ी एक छतरी के नीचे बोस की मूर्ति लगाई जाएगी. 60 के दशक तक यहां जॉर्ज पंचम का बुत लगा था जिसे हटाकर कोरोनेशन पार्क में भेज दिया गया.
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मोदी सरकार ने बीते दिनों गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब हर साल 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी से करने का फैसला लिया है. इससे पहले बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी.