Sunday, September 22, 2024
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वंशवाद के खिलाफ सख्त हुआ बीजेपी आलाकमान, उत्तराखंड के हरक सिंह रावत का हश्र देखकर सकते में नेता, अब बेटे-बेटियों के लिए दबी जुबान से मांग रहे हैं टिकट,भाव देने के मूड में नहीं मोदी-शाह, अगली पीढ़ी को बसाने की कशमकश में जुटे कई नेताओ के अरमानो पर फिर सकता है पानी,पढ़े किस नेता की नई उपज चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में…

‘आनन्द शिल्पी’ लखनऊ ब्युरो

नई दिल्ली:- वंशवाद के खिलाफ बीजेपी आलाकमान ने अपनी ही पार्टी के भीतर मोर्चा खोल दिया है. उत्तराखंड के हरक सिंह रावत प्रकरण में सख्ती दिखाकर पार्टी आलाकमान ने कई ऐसे नेताओ की बोलती बंद कर दी है जो अपनी भावी पीढ़ी को चुनावी मैदान में उतारने का सपना देख रहे थे. हरक सिंह रावत की तर्ज़ पर पार्टी के कई दिग्गज नेता अपने बहु बेटो की बसाहट को लेकर दिन रात एक किए हुए थे. इसके लिए वे आलाकमान को आँखे दिखाने की कोशिश करते मोदी-शाह की जोड़ी ने उन्हें साफ़ संकेत दे दिया है. बताया जाता है कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्ढा ने वंशवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए जाने की हिदायत पहले ही दे दी थे. हालाकि वाज़िब मांगो को लेकर उन्होंने कई नेताओ से सहानुभूति भी जताई थी. लेकिन जीतने योग्य प्रत्याशी का हवाला देकर पार्टी का मंतव्य साफ़ कर दिया था. बावजूद इसके तोल मोल कर रहे नेताओ को उन्होंने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में देरी नहीं की. आने वाले दिनों में रावत की तर्ज़ पर कई और नेताओ को पार्टी से बाहर का रास्ता देखने के मामले सामने आए तो इसमें हैरत वाली बात नहीं होगी. पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई दिग्गज नेता अपनी सियासी पारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने पुत्र-पुत्रियों को चुनावी मैदान में उतारने की कवायद में जुटे हैं. इनमे से कई नेताओं ने तो अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग कर आलाकमान को असहज कर दिया है. इसमें राज्यों के मंत्री ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसद और राज्यपाल तक अपने बेटे-बेटियों के टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं.

इस फेहरिस्त में सर्वाधिक नेताओं का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है. प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट सीट से अपने बेटे मयंक जोशी को चुनाव में उतारना चाहती हैं. वे खुद इस सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं और संसद में यहाँ से प्रतिनिधित्व करती हैं. यही हाल सलेमपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद रवींद्र कुशवाहा का है. वे अपने छोटे भाई जयनाथ कुशवाहा को भाटपाररानी विधानसभा सीट से विधायक के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. 2017 में बीजेपी के टिकट पर जयनाथ कुशवाहा यहाँ से चुनाव लड़े थे, लेकिन सपा के आशुतोष उपाध्याय ने उन्हें हरा दिया था. कानपुर नगर से बीजेपी सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप पचौरी के लिए कानपुर की गोविंदनगर सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं. ब्राह्मण बहुल इस सीट पर सत्यदेव पचौरी दो बार विधायक रहे हैं, लेकिन 2019 में उनके सांसद बनने के बाद सुरेंद्र मैथानी बीजेपी के टिकट पर विधायक बने हैं. ऐसे में अब वो अपने बेटे को गोविंदनगर सीट से चुनाव लड़ाकर विधायक बनाना चाहते हैं. 

नाते रिश्तेदारों के लिए केंद्रीय मंत्री भी कतार में है.केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं जबकि उनके बड़े बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं. दूसरी बार पार्टी ने फिर से उनको इसी सीट से टिकट दिया है. यही नहीं राजनाथ सिंह के छोटे बेटे नीरज सिंह भी लखनऊ कैंट और उत्तरी विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. लखनऊ की मोहनलालगंज सीट से सांसद व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी मलिहाबाद से बीजेपी की विधायक हैं. इस बार कौशल किशोर के बेटे विकास किशोर महिलाबाद और दूसरे बेटे प्रभात किशोर सीतापुर की सिधौली सीट से बीजेपी की टिकट की लिए कड़ी मशक्क्त कर रहे हैं. ऐसे ही आगरा से सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल की पत्नी टूंडला से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. एसपी बघेल खुद टूंडला से विधायक रहे हैं.योगी सरकार में सहकारिता मंत्री और ओबीसी नेता मुकुट बिहारी वर्मा की उम्र 76 वर्ष हो गई हैं, वे अभी भी चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे है.अपना टिकट कटने की सूरत में वे अपने बेटे गौरव को कैसरगंज सीट से उम्मीदवार बनाना चाहते हैं. लखनऊ मध्य सीट से विधायक और योगी सरकार में मंत्री बृजेश पाठक भी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई मंत्रियों ने भी अपने बेटों को चुनाव लडाने के लिए पार्टी की नाक में दम कर दिया है. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अपने बेटे की ताशपोशी की तैयारी में हैं. पथरदेवा सीट से बेटे सुब्रत शाही के लिए व खुद के लिए देवरिया सदर से वे टिकट की मांग कर रहे है. सुब्रत शाही यहाँ के ब्लॉक प्रमुख की पड़ पर हैं. रुद्रपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक और मंत्री जयप्रकाश निषाद भी अपने बेटे के लिए बीजेपी से आस लगाए बैठे हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के बेटे दिलीप दीक्षित उन्नाव की पुरवा सीट से जोर आजमाइश कर रहे हैं. हालांकि इस सीट पर बीएसपी के बागी विधायक अनिल सिंह ने बीजेपी का दामन थाम कर उनके सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है.वित्त मंत्री रहे राजेश अग्रवाल ने 75 वर्ष की आयु के चलते मंत्री पद छोड़ कर मिशाल कायम की थी. लेकिन वे भी अब बरेली कैंट सीट से अपने बेटे आशीष अग्रवाल के लिए दावेदारी कर रहे है.

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