Saturday, September 21, 2024
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छत्तीसगढ़ में जीजा-साले कर रहें हैं न्याय का सौदा, रायपुर के तत्कालीन डीजे रामकुमार तिवारी उनके साले सूर्यकान्त तिवारी और डीपीओ हीना यास्मीन खान की गंभीर शिकायते वैधानिक फोरम में, न्याय पालिका को प्रभावित होने से बचाईए ‘‘मायलाॅड’’, ऑडियो रिकार्डिंग की ट्रांसक्रिप्ट शिकायत के साथ सौपी गई एसएसपी को

रायपुर:- छत्तीसगढ़ मे न्यायपालिका के प्रति सम्मान और विश्वास उस समय और बढ़ जाता है जब न्याय के मंदिर में फरियादी की पुकार और अभ्युक्तो के गुनाह को न्यायधीश दूध का दूध और पानी का पानी की तर्ज पर अलग-अलग कर देतें है। उनके इंसाफ की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। राज्य के न्यायधीशों ने कई मामलों में ऐसे फैसले सुनाये हैं जो ताकीद बन गये। आज भी लोग उनकी मिसाल देते हैं। लेकिन कुछ महीनों से खासकर कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के बाद रायपुर-महासमुंद में निवासरत जीजा-सालेेे न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए अपने पद और राजनैतिक प्रभाव का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। मामला राज्य के मौजूदा विधि सचिव और रायपुर के तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायधीश रामकुमार तिवारी उनके साले सूर्यकान्त तिवारी और रायपुर जिला न्यायालय में अभियोजन अधिकारी के पद पर पदस्थ हीना यास्मीन खान से जुड़ा है।

रायपुर में जिला एवं सत्र न्यायधीश के पद पर रहते हुए रामकुमार तिवारी ने अपने पद और न्यायापालिका की मर्यादा को भंग करते हुए कभी फरियादियों तो कभी आरोपियों से मामला निपटाने के नाम पर अवैध वसूली का धन्धा शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके लिए रायपुर कोर्ट में डीपीओ के पद पर पदस्थ हीना यास्मीन खान को बाजार में उतारा था। रामकुमार तिवारी की गैर कानूनी मांगो से ग्राहको को रूबरू कराने के लिए हीना यास्मीन खान सरकारी संसाधनों का उपयोग करती थी। वो कभी फरियादियों और उनके परिजनों से तो कभी आरोपियों से सम्पर्क कर डीजे साहब की मांग को उन तक पहुंचाती थी। बदले में मामला जिला न्यायालय में हो या हाईकोर्ट में, उसके निपटारे का आश्वासन देती थी। अवैध वसूली के लिए इन लोगो ने रायपुर के मैग्नेटो माॅल की पार्किंग और उससे सटी सर्विस लाइन को अपना ठिकाना बनाया हुआ था। इस गैर कानूनी कारोबार को अंजाम देने के लिए सरकारी वाहन पर सवार होकर हीना यास्मीन खान ग्राहको की तलाश में जुट जाया करती थी। ऐसे ही एक मामले में हीना यास्मीन खान की काली करतूते विधिवत रिकार्ड हो गयी। इसकी वैधानिक फोरम में शिकायत करने के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही करने के लिए एसएसपी रायपुर को भी शिकायत की गयी है। शिकायत के मुताबिक रायपुर पुलिस द्वारा दर्ज फर्जी मामलों को लेकर कोर्ट कचेहरी का चक्कर काट रहे एक पीड़ित के परिजनों से हीना यास्मीन खान ने मोटी रकम समेत कुछ स्टिंग आॅपरेशन की ओरिजिनल सीडी मांगी थी। उसकी अनुचित मांगो को सुनकर पीड़ित के परिजन हैरत में पड़ गये। इस सौदे को अंजाम देने के लिए हीना यास्मीन खान ने बड़ी चालाकी से अपने मोबाइल पैड पर लिख-लिखकर अपनी मांगो से पीड़ित परिजनों को अवगत कराया था।

सरकारी कार वाहन नं0-9911 में बैठाकर की जा रही अनुचित मांग के नजारे से वाकिफ होकर आप भी हैरत में पड़ जायेंगे। न्याय के सौदे को रामकुमार तिवारी और उनके साले सूर्यकान्त तिवारी के निर्देश पर सुनियोजित ढंग से अंजाम दिये जाने के इस मामले की उच्च स्तरीय जांच बेहद जरूरी है। हीना यास्मीन खान ने 26.03.2021 से लेकर 02.04.2021 के बीच अपने द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइल नम्बर से पीड़ित के परिजनों से कई बार खुद ब खुद सम्पर्क किया था। इन परिजनों को वो कभी माॅल की पार्किंग में तो कभी उससे सटी सर्विस लाईन में पहुंचने की हिदायत देकर अवैध वसूली के लिए लगातार दबाव बना रही थी। अब पीड़ितो ने हीना यास्मीन खान की शिकायत एसएसपी रायपुर से की है। उनके द्वारा पद का दुरूपयोग और अवैध वसूली की घटना से डीजी अभियोजन को भी अवगत कराया गया है। एसएसपी रायपुर को भेजी गयी शिकायत में आॅडियो रिकाॅर्डिंग की ट्रान्सक्रिप्ट और इस्तेमाल किए गए मोबाइल नम्बर का ब्यौरा सौंपा गया है। जबकि रामकुमार तिवारी की शिकायत माननीय सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट बिलासपुर के वैधानिक फोरम में की गयी है।

बताया जाता है कि अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए रामकुमार तिवारी, कांग्रेस पार्टी के राजनैतिक हितों को पूरा करने के लिए कार्यरत है। इसके लिए निचली अदालतों पर दबाव बनाने की उनकी कार्यप्रणाली चर्चा में है। खासतौर पर मुख्यमंत्री बघेल की स्वार्थपूर्ति के लिए वो एड़ी चोटी का जोड़ लगा देते है। बघेल के खिलाफ रायपुर EOW ACB में दर्ज अपराध क्रमांक 17/2017 के दिनांक 17/10/2019 को किये गए खात्मे में रामकुमार तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। बताया जाता है कि भिलाई के साड़ा में जमीन आवंटन घोटाले में बघेल को नामजत किया गया था। लेकिन बगैर किसी ठोस जांच के अधिकारियों पर दवाब डाल कर उनके द्वारा इस प्रकरण का कोर्ट में खात्मा कराया गया। प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज फर्जी मामलों में उन्हें अधिकतम दिनों तक जेल में निरुद्ध रखने के मामले में भी उनकी भूमिका बताई जा रही है। यही नही सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ विभिन्न निचली अदालतों में चल रहे प्रकरणों को फरियादियों पर दबाव डालकर निपटाए गए मामलों की जांच भी बेहद जरूरी बताई जा रही है।

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