बेंगलुरु: पत्नी ने सफाई के नाम पर धो डाले लैपटॉप और सेलफोन, तंग आकर पति ने मांगा तलाक

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बेंगलुरु : ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर (OCD), आसान भाषा में जानें तो एक तरह की दिमागी बीमारी, जिससे जूझ रहा व्यक्ति किसी काम को डर या सनक के चलते बार-बार दोहराता है. कहा जा रहा है कि बेंगलुरु (Bengaluru) से सामने आया मामला भी ओसीडी से ही जुड़ा है, जहां एक पति ने पत्नी की सफाई की आदत से परेशान होकर तलाक की मांग की है. वहीं, पत्नी भी पति के खिलाफ उसके व्यवहार को ‘असामान्य’ बताने पर शिकायत दर्ज कराने पर विचार कर रही है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, संध्या और गिरीश (परिवर्तित नाम) की शादी साल 2009 में हुई थी. शादी के बाद जोड़ा पति की नौकरी के सिलसिले में इंग्लैंड जा पहुंचा. यहां तक सबकुछ ठीक चल रहा था. कपल का केस संभाल रही बेंगलुरु सिटी पुलिस में सीनियस काउंसल बीएस सरस्वती बताती हैं, ‘दो साल बाद पहला बच्चा पैदा होने के बाद स्थिति बिगड़ने लगी. पत्नी की तरफ से काम से लौटने पर हर बार जूते, कपड़े, सेलफोन की सफाई के लिए मजबूर करने से पति परेशान हो गया.’ ब्रिटेन से लौटने के बाद कपल ने फैमिली काउंसिलिंग का सहारा लिया और हालात सुधरने लगे. इसके बाद कपल ने एक और बच्चे को जन्म दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, कोविड के आने के बाद संध्या की ओसीडी और बिगड़ गई और उसने घर पर मौजूद हर चीज को साफ करना और सैनिटाइज करना शुरू कर दिया. सरस्वती ने बताया, ‘लॉकडाउन के दौरान पति घर से ही काम कर रहा था और पत्नी ने उनका लैपटॉप और सेलफोन धो दिया. अपनी शिकायत में पति ने बताया है कि वह दिन में 6 से ज्यादा बार नहाती है और नहाने के साबुन को साफ करने के लिए भी एक अलग से साबुन का इस्तेमाल करती है.’

लंबी बीमारी के बाद बीते साल संध्या की मां का निधन हो गया था. जिसके बाद उसने पति और बच्चों को जबरन घर से बाहर रखा और तीस दिनों तक सफाई की. काउंसलर ने कहा, ‘पति के लिए अहम मौका तब आया, जब पत्नी ने बच्चों को उनकी हर रोज घर लौटने के बाद स्कूल यूनिफॉर्म और जूते धोने पर मजबूर किया. इसके बाद वह बच्चों को लेकर माता-पिता के घर पर आ गया. जबकि, पत्नी पुलिस के पास पहुंच गई.’ कपल के 11 और 9 साल के दो बच्चे हैं. पुलिस ने यह मामला परिहार के पास पहुंचाया, जहां काउंसलर ने गंभीर ओसीडी की आशंका जताई और सुझाव दिया कि महिला को मदद की जरूरत है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह ठीक है और सफाई की आदतों को भी ‘सामान्य’ बताया.