“राज दरबारी”, पढ़िए छत्तीसगढ़ के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों की खोज परख खबर, व्यंग्यात्मक शैली में, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार ‘राज’ की कलम से… (इस कॉलम के लिए संपादक की सहमति आवश्यक नहीं, यह लेखक के निजी विचार है)

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सबको चाहिए वीवीआईपी पास , क्रिकेट की मस्ती में भूले , कोरोना के कहर को  

छत्तीसगढ़ का ट्रांसपोर्ट महकमा ही नहीं बल्कि पुलिस के आलाधिकारी इन दिनों वीआईपी और वीवीआईपी पास को लेकर दो चार हो रहे है | आम लोगों से लेकर ख़ास नेता तक इन पासों की मांग कर रहे है | दिलचस्प बात ये है कि इससे नीचे स्तर के पास की जरूरत किसी को नहीं है | यही नहीं ये वर्ग क्रिकेट की टिकट खरीदने के लिए भी अपनी जेब ढीली करने को तैयार नहीं है | दरअसल रायपुर में इन दिनों रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा है | मैच देखने के लिए लोगों की दीवानगी ऐसी है कि वे कोरोना संक्रमण का जोखिम भी उठाने को तैयार है , बस किसी तरह उच्च स्तर के पास उपलब्ध हो जाए | स्टेडियम का नजारा देखकर सरकार ने लोगों को आगाह किया | उन्हें मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने या फिर जुर्माना भरने की चेतावनी दी गई | लगभग तीन साल बाद रायपुर में कोई इतना बड़ा आयोजन हुआ है | लिहाजा क्रिकेट प्रेमियों में भारी उत्साह है | लेकिन अब आयोजन पर  कोरोना संक्रमण की छाया मंडराने लगी है | आयोजन समिति बीसीसीआई और राज्य का ट्रांसपोर्ट महकमा सतर्कता और सावधानी बरतने का दावा कर रहा है | लेकिन मुफ्त में वीवीआईपी और अन्य पास मांगने वालों से नई समस्या पैदा हो गई है | ऐसे मांगीलाल कुछ समझने को भी तैयार नहीं है | उधर स्टेडियम में ऐसे वैसों की  वीवीआईपी लॉउंज और बॉक्स में मौजूदगी देखकर लोगों की आँखे फटी की फटी दिखाई दे रही है | हालांकि वे पास जुगाड़ने के उनके नुस्खों की तारीफ भी कर रहे है | बहरहाल देखना होगा कि रायपुर में टीम इंडिया जीतेगी या कोरोना ?

सीएम की महिला उप सचिव का एक और कारनामा , समाचार संपादक के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस पर दबाव , पसोपेश में अफसर : 

रायपुर में एक वेबसाइट समाचार के संपादक के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस अफसरों पर पड़ रहा दबाव चर्चा में है | बताया जाता है कि सीएम की एक महिला उप सचिव के फरमान पर क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली स्थित एक समाचार समूह के दफ्तर में जा धमकी | यहां इस टीम के साथ जमकर बदसलूकी भी हुई | पुलिस अफसरों को कई घंटों तक दफ्तर के बाहर बिठाए रखा गया | फिर रायपुर में पदस्थ जन संपर्क के एक विवादित आलाधिकारी के हस्तक्षेप से क्राइम ब्रांच के अफसरों को रिशेप्शन तक जाने की अनुमति मिली | जानकारी के मुताबिक इस समाचार चैनल को ‘मिस इन्फॉर्मेशन ऑफिसर’ ने लाखों के विज्ञापन सिर्फ इस शर्त पर दिया था कि एक वेब साइट समाचार के संपादक के खिलाफ वो शिकायती पत्र दे | ताकि उसको सबक सिखाया जाए | क्राइम ब्रांच की टीम इस पत्र को तो दिल्ली से ले आई , लेकिन पत्र में दर्ज बेबुनियाद तथ्यों और शिकायतों को लेकर पुलिस के अफसर हैरत में पड़ गए | दरअसल इस पत्र में जो आरोप लगाए गए उसका हकीकत से कोई लेना-देना ना था | यही नहीं शिकायती पत्र में ना तो कोई तथ्यात्मक घटना दर्ज थी और ना ही फरियादी और गवाह | उधर समाचार चैनल की मार्केटिंग टीम को इसी शर्त पर विज्ञापन दिया गया था कि वे वेबसाइट समाचार के संपादक के खिलाफ FIR दर्ज करने को लेकर सिर्फ लेटर थमा दे | बाकि काम छत्तीसगढ़ पुलिस कर लेगी | फर्जीवाड़ा देखकर पुलिस अफसरों ने फर्जी शिकायत के आधार पर इस संपादक के खिलाफ FIR दर्ज करने के मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए | उधर सीएम साहब के निर्देश का हवाला देते हुए विवादित महिला उप सचिव और मिस इन्फॉर्मेशन अधिकारी रायपुर पुलिस पर FIR दर्ज करने को लेकर दबाव बनाए हुए है | उनकी दलील है कि क्राइम ब्रांच की टीम फर्जी फरियादी और गवाह का इंतजाम खुद कर हुक्म का पालन करे |  नौकरशाहों के बीच सुपर सीएम का दावा करने वाली यह महिला अफसर अब पत्रकारों का भी सिर्फ मुंह बंद करने नहीं बल्कि उनकी लेखनी तोड़ने में आमदा है | इसके लिए वो अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग करने में भी पीछे नहीं है | जानकारी के मुताबिक निशाने पर ली गई इस वेब साइट पर नौकरशाहों के बीच सुपर सीएम का दावा करने वाली यह महिला अफसर अब पत्रकारों का भी सिर्फ मुंह बंद करने नहीं बल्कि उनकी लेखनी तोड़ने में आमदा है | इसके लिए वो अपने पद और प्रभाव का दुरूपयोग करने में भी पीछे नहीं है | कुछ दिनों पूर्व इस वेब साइट पर सीएम की महिला उप सचिव और  जन संपर्क विभाग के एक विवादित आलाधिकारी की कार्यप्रणाली को लेकर समाचार जारी किये गए थे | यही नहीं पुलिस महकमे की एक चर्चित विषकन्या की कारगुजारियों का भी खुलासा किया गया था |  इससे बिफरे अफसरों ने समाचार संपादक को सबक सिखाने की ठान ली | व्यक्तिगत हितों को साधने के लिए उन्होंने विज्ञापन के नाम पर सरकारी रकम को पानी की तरह बहाने में भी कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी |दरअसल  छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज करने का सिलसिला उस वक्त भी जारी है , जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पत्रकारों की सुरक्षा की दुहाई दे रहे है | उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज ना करने की अपील भी कर रहे है | फ़िलहाल इस समाचार संपादक ने पत्र लिखकर एसएसपी रायपुर , प्रेस काँसिल ऑफ़ इंडिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हकीकत से रूबरू कराया है | संपादक ने  फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की मांग भी की है |   

गृहमंत्री और डीजीपी के बीच तनातनी से पुलिस मुख्यालय में राजनीति उफान पर :

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और डीजीपी डीएम अवस्थी के लंबे अरसे से एक साथ नजर नहीं आने के कारण चर्चाओं का दौर गर्म है | बताया जाता है कि दोनों के बीच तनातनी इस कदर बढ़ चुकी है कि पुलिस से जुड़े कार्यक्रमों तक में दोनों प्रमुख एक दूसरे का चेहरा तक देखना पसंद नहीं कर रहे है | इस तथ्य को उस समय और अधिक बल मिल रहा है जब पुलिस के कार्यक्रमों तक में किसी ना किसी एक की अनुपस्थिति नजर आती है  |  दरअसल अधिकारी दोनों ही प्रमुखों को न्यौता देते है | लेकिन प्रमुखद्वय को अंदाजा लग जाता है कि कहां ना जाना मुनासिब होगा | हाल ही में जिला पुलिस बल और पुलिस मुख्यालय से जुड़े विभिन्न महकमों में जो कार्यक्रम आयोजित हुए , वो प्रमुखद्वय की अनुपस्थिति को लेकर चर्चा में है | इन कार्यक्रमों में डीजीपी और गृहमंत्री , दोनों को आमंत्रित किया गया था | लेकिन कार्य्रकमों में हिस्सा लेने के लिए दोनों में से किसी एक ने ही दिलचस्पी दिखाई | महकमे में इस बात को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है कि जिस कार्यक्रम में डीजीपी शिरकत करते है , उस कार्यक्रम से गृहमंत्री दूरियां बना लेते है | इसी तर्ज पर जहां गृहमंत्री मौजूद होते है उस कार्यक्रम में डीजीपी साहब दूर दूर तक नजर नहीं आते | आखिर क्यों ? दोनों के बीच खाई खींचती जा रही है , इसे लेकर भी रायशुमारी का दौर देखने को मिल रहा है | यह भी चर्चा है कि दोनों विभाग प्रमुखों के बीच तनातनी के चलते पुलिस मुख्यालय में भी नई राजनीति शुरू हो गई है | हालांकि कुछ एक सक्रिय अफसर इस मामले को खत्म करने में भी जुट गए है | फ़िलहाल देखना होगा कि डीजीपी और गृहमंत्री एक साथ किस कार्यक्रम में नजर आते है | यह कार्यक्रम कब और कहां होगा , इसकी रुपरेखा को लेकर भी मंथन जारी है | प्रयासरत  अफसरों को उम्मीद है कि जल्द ही राम-भरत मिलाप का कार्यक्रम आयोजित कर नए दौर की शुरुआत होगी |  

प्यार में दिल से मार दे गोली , ले ले मेरी जान :

छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया के हाथों में पिस्टल देखकर लोग हैरत में पड़ गए | दोनों ही मंत्रियों की हाथों में पिस्टल थामे तस्वीरें सामने आने से लोग हैरत में पड़ गए | बताया जाता है कि मंत्रीद्वय ने सिर्फ हाथों में पिस्टल ही नहीं थामी बल्कि जमकर धांय-धांय भी किया | मतलब गोलियां चलाई | अहिंसावादी दोनों ही मंत्रियों के हाथों में पिस्टल देखकर लोगों को पहले तो हैरत हुई , लेकिन खबर पढ़ने के बाद पता पड़ा कि मंत्री जी रायपुर स्थित पुलिस अकादमी में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे | यहां उन्होने लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम तो निपटाया ही लगे हाथ टारगेट पर निशाना भी साधा | ये और बात है कि दोनों ही मंत्रियों के निशाने चूक गए | टारगेट के मूल में गोलियां ना लगकर इधर-उधर हो गई | खैर , कार्यक्रम तो सफलतापूर्वक संपन्न हो गया , लेकिन विरोधियों के बीच मंत्री जी के निशाना चूकने को लेकर माथापच्ची होने लगी | कुछ ने कहा कि सामान्य टारगेट होने पर ही मंत्रीद्वय ने निशाना साधने के मामले में मुंह मोड़ लिया , टारगेट पर तस्वीर यदि सही शख्स की लगी होती तो फिर मंत्रीद्वय का निशाना सीधे दुश्मन की छाती पर होता ?

अब चरणम शरणम ना गच्छामि’ :

छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में शामिल तमाम मंत्रियों के दरबार में नए समर्थक और कारोबारियों का तांता लगा हुआ है | लेकिन नजर आ रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत के दरबार में वीरानी छाई हुई है | उनके समर्थकों की संख्या लगातार घटती जा रही है | यही हाल उनके खेमे के कारोबारियों का भी है | अब इलाके के उद्योगपति भी उनसे कन्नी काटने लगे है | उनके दरबार से नए चेहरे तो क्या , पुराने समर्थकों के भी मुंह मोड़ते दिखाई देने से नए समीकरण बनने से इंकार नहीं किया जा रहा है | यह भी चर्चा है कि इस दरबार से ऊँची छलांग लगाकर कोरबा से जुड़े एक मंत्री जी ने भी नए दरबार में दस्तक दे दी है | आखिर क्यों ‘चरणम शरणम ना गच्छामि’ का मंत्र उनके समर्थक फूंक रहे है , यह खोज का विषय है | बताया जाता है कि नेता जी ने जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कोरबा संसदीय सीट ही नहीं बल्कि उनकी विधानसभा सीट पर भी संकट के बादल मंडराने लगेंगे | उधर चरण दरबार से जुड़े नेताओं का दावा है कि यह संक्रमण काल चल रहा है | अध्यक्ष जी पर कोरोना की वक्र दृष्टि है , हालांकि वे संक्रमित होकर ठीक भी हो गए है , लेकिन कोरोना के खौफ के चलते उन्होंने खुद लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की अपील की है | रही बात दरबार से मुंह मोड़ने की तो , आया राम गया राम की राजनीति से अब नेता ही नहीं बल्कि समर्थक भी ओत-प्रोत है |