कई देशों में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर प्रतिबंध, आखिर क्यों कुछ देश एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर लगा रहे हैं रोक ? फ्रांस, जर्मनी और इटली ने लगाया प्रतिबंध , जानिए इस खबर में

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नई दिल्ली / दुनियाभर में कोरोना के मामलों में एक बार फिर रफ़्तार देखी जा रही है | कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 12 करोड़ आठ लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मरने वालों का आंकड़ा भी 26 लाख 74 हजार के पार पहुंच चुका है। अमेरिका अभी भी कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां अब तक तीन करोड़ एक लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि पांच लाख 48 हजार से अधिक लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में दूसरे स्थान पर ब्राजील और तीसरे स्थान पर भारत है। भारत के कई राज्यों में अचानक फिर से कोरोना संक्रमण लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है | रोजाना नए मामलों से सरकार हैरत में है | इस बीच देश दुनिया में वैक्सीन आम लोगों तक पहुंचाई जा रही है |

कोरोना टीकाकरण अभियान के बीच एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल कई देश एक के बाद एक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर रोक लगा रहे हैं। अब फ्रांस, जर्मनी और इटली ने भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर फिलहाल एहतियातन रोक लगा दी है। हाल ही में नीदरलैंड्स और आयरलैंड में भी एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर अस्थायी रोक लगाई गई है। इससे पहले ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, इटली, रोमानिया, बुल्गारिया, लिथुआनिया, एस्टोनिया, लक्जमबर्ग, लातविया आदि देश पहले ही इसपर रोक लगा चुके हैं।

बताया जाता है कि वैक्सीन लगाने के बाद कई लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है | इन देशों में यह रोक मरीजों में खून के थक्के से जुड़ी दिक्कतें सामने आने के बाद लगाई गई है। यूरोप में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाने के बाद खून के थक्के से संबंधित दिक्कतों के कई मामले सामने आए हैं। हालांकि इस बारे में एस्ट्राजेनेका का कहना है कि उसकी वैक्सीन से खून के थक्के की समस्या बढ़ने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी दावा है कि फिलहाल इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो सके कि खून के थक्के से जुड़ी समस्याओं का संबंध ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन से ही है। हालांकि संगठन का यह भी कहना है कि फिलहाल टीकाकरण को जारी रखना जरूरी है और वैक्सीन के संभावित बुरे असर के बारे में पड़ताल करनी चाहिए।