रायपुर / बस्तर इन दिनों जंगल के जीवों के लिए शिकारगाह बना हुआ है। पिछले कुछ दिनों में शिकार व खाल के साथ – साथ अवशेष बेचने वाले कई आरोपी गिरफ्त में आए हैं। पिछले तीन दिन से बस्तर में बाघ की हत्या से जुड़ी खबर बेहद चर्चा में है। पुलिस अधिकारी समेत शिक्षक व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व कुछ ग्रामीण शामिल हैं। वन्यजीवों की हत्या में वन विभाग के अधिकारियों और मैदानी अमलों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। वहीं अब कोंडागांव जिले का है जहां गर्मी की शुरुआत के साथ ही वन्य प्राणी पानी की तलाश में गांव तक पहुंच रहे हैं। प्यास से भटकते वन्य प्राणियों को ग्रामीण अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसा एक मामला कोंडागांव जिला अंतर्गत ग्राम पोलंग का है, जहां रविवार दोपहर प्यास बुझाने के लिए पहुंचे हिरण को ग्रामीणों ने मार डाला।
जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर में एक वयस्क हिरण अपने झुंड से अलग होकर पोलंग गांव पहुंचा था। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा उसे पकड़कर उसकी हत्या करने के बाद शव को ठिकाने लगाने की फिराक में थे। वन विभाग द्वारा मृत हिरण का शव बरामद कर कोंडागांव कार्यालय ले जाया गया। जहां अब तक पोस्टमार्टम नहीं किया गया है। यहां तक कि हिरण की हत्या में शामिल आरोपियों के नाम भी अब तक पता नहीं कर पाई है। ना ही विभागीय उच्च अधिकारियों को भी इसकी जानकारी नहीं है।