एक ही परिवार के पांच लोगों ने की खुदकुशी, फंदे पर लटके मिले पति-पत्नी समेत तीन बच्चों के शव, घर से बदबू आने के बाद मामले का हुआ खुलासा, इलाके के लोग सकते में

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सुपौल / बिहार के सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र में शनिवार को एक ही घर में पांच लोगों के शव बरामद होने से हड़कंप मच गया। सभी शव फंदे से लटके हुए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का बताया जा रहा है।घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया | मौके पर आसपास के ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी | इस खुदकुशी को लेकर ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं | एक ही परिवार के पांच लोगों की खुदकुशी के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है | घटना के बाद मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची | हालांकि पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है | पुलिस का कहना है कि यह मामला खुदकुशी का है या इसके पीछे को और वजह है, यह जांच के बाद ही पता चलेगा |

जानकारी मुताबिक राघोपुर पंचायत के गद्दी वार्ड 12 के मिश्री लाल साह (50) के घर गंध आने पर ग्रामीणों ने इनकी सूचना मुखिया मो तस्लीम को दी | इसके बाद मुखिया सहित अन्य लोग घर कर बाहर के दरवाजे पर लगे ताले को तोड़कर अंदर घुसे | घर के अंदर एक कमरा अंदर से बंद था | जब लोगों ने खिड़की से देखा तो उनके होश उड़ गए | कमरे में पांच लोगों के शव रस्सी से फंदे पर लटके हुए थे |

मृतकों में मिश्री लाल साह उनकी पत्नी रेणु देवी 45 वर्ष, उनकी दो नाबालिग बेटी और एक बेटा शामिल है | घटना के बाद मौके पर एसपी मनोज कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष सुशांत कुमार चंचल सहित डीएसपी रामानंद कौशल पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया | पुलिस प्रथमदृष्टया इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला मान रही है | हालांकि अबतक कारणों का पता नहीं चल पाया है |

परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था
घटना के बारे में जो जानकारी निकल कर आ रही उसके अनुसार परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले शनिवार तक इस परिवार के लोगों को देखा गया था लेकिन उसके बाद से लोगों ने घर के किसी सदस्य को नहीं देखा। घटना से आसपास के लोग सकते में हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से गुजर बसर करने के लिए मिश्रीलाल साह ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेच दी थी। दो साल से आर्थिक तंगी से गुजर रहा यह परिवार कोयला बेचकर गुजारा कर रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक कुछ दिनों से परिवार ग्रामीणों से अलग-थलग रहने लगा थ। लोगों से मेल मिलाप भी एकदम कम कर दिया था। लोगों ने भी उनकी खोज-खबर लेनी छोड़ दी थी।

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