रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक आरोपी दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकि है। पर सारंगगढ़ थाना में बतौर आरक्षक पदस्थ ने जेल से बाहर निकालने के नाम पर आश्वासन दे दिया, जिसके एवज में 6 लाख रुपये ऐंठ लिए।
इस पुरे मामले की शिकायत डीजीपी डीएम अवस्थी से गई है। पीड़ित महिला दुर्ग जिले के धमधा की निवासी है और उनके परिवार का एक सदस्य बलवा के मामले में जेल में बंद है, उसे जेल से छुड़ाने के लिए पुलिसकर्मी ने 6 लाख रुपये हड़प लिये। पीड़िता बिसो बाई के मुताबिक उसके पति दशरथ भारती और 2 बेटे बलवा के एक मामले में जेल में बंद हैं, इस मामले में दुर्ग जिला एवं सत्र न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा हुई है।
हाईकोर्ट में जमानत के लिए उनके परिवार के एक रिश्तेदार पारस बेहरा व रजनी बेहरा ने बिलासपुर निवासी आरोपी आरक्षक से मिलवाया और हाईकोर्ट से जमानत दिलाने का वादा किया। पारस बेहरा सारंगगढ़ थाना में बतौर आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं। पीडिता ने बताया कि रिश्तेदार पारस ने कुलदीप पांडेय नाम के एक व्यक्ति से मुलाकात कराई, जिसने खुद को वकील बताया और जमानत कराने के बदले छह लाख रुपये लिए। भारती ने डीजीपी को शिकायत में सात गवाह का नाम भी दिया है, जिनके सामने उसने पैसे दिए है। कुलदीप ने भारती को एक महीने तक घूमाया और बाद में पता चला कि जिस वकील को यह केस दिया गया है, उसे फीस ही नहीं दी गई। जब पीडिता ने आरोपी पुलिस आरक्षक से पैसे वापसी की मांग की तो वह जान से मारने की धमकी देने लगा। फिलहाल डीजीपी ने इस पुरे मामले की जांच के आदेश दिये है।