शराबी पति ने की हैवानियत की सारी हदें पार , अवैध संबंधों के शक में कुल्हाड़ी से काट दिए पत्नी के हाथ-पैर के पंजे , डॉक्टर्स ने 6 घंटे ऑपरेशन से हथेली जोड़ी, पैर की प्लास्टिक सर्जरी की
भोपाल: राजधानी भोपाल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप की रूह कांप जाएगी. यहां पर एक पति ने पत्नी के बाएं हाथ के हथेली और बाएं पैर का पंजा इसलिए काट दिया, क्योंकि वह उसके चरित्र पर शक करता था. फिलहाल सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, पत्नी को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यह मामला राजधानी के निशातपुरा इलाके का है. निशातपुरा की पारस कॉलोनी में होशंगाबाद के रहने वाले 32 साल के प्रीतम सिंह सिसोदिया अपनी पत्नी संगीता और एक सात साल के बेटे के साथ रहता है. निशातपुरा पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह पूरी घटना मंगलवार रात करीब 11:30 बजे की है. आरोपी प्रीतम मजदूरी करता है और पत्नी संगीता इंदौर की एक फैक्टरी में सुपरवाइजर है और वो हर 15-15 दिन में इंदौर से भोपाल आती जाती रहती है.
संगीता अपने काम के चक्कर में 15 दिन के लिए भोपाल जाती थी. वो जब भी इंदौर वापस आती थी तो अक्सर फोन पर बात करती थी. संगीता के फोन पर बात करने की आदत प्रीतम को बिल्कुल पंसद नहीं आती थी. दोनों का एक बेटा भी है जो प्रीतम के पास ही रहता था. पुलिस ने बताया कि मंगलवार की रात प्रीतम शराब के नशे में धुत था. प्रीतम ने लड़ाई के दौरान संगीता के चरित्र पर सवाल उठाए तो इस बात पर विवाद और बढ़ गया, और फिर प्रीतम ने गुस्से में फरसे से पत्नी के बाएं पैर का पंजा और बाएं हाथ की हथेली काट कर शरीर से अलग कर दी.
इस घटना के बाद संगीता बदहवास सी हो गई और जमीन पर गिर पड़ी | यह सब देखकर उसका 7 वर्षीय बच्चा चिल्लाने लगा. इस पर आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए और पुलिस को सूचना दी. पुलिस जब पहुंचीं, तब प्रीतम कमरे में फरसा लिए खड़ा था और पुलिस टीम पर भी हमले की बात कह रहा था. हालांकि पुलिस की सूझबूझ से उसे गिरफ्तार कर लिया गया .
6 घंटे के ऑपरेशन के बाद हाथ का पंजा री-इंप्लांट किया
गांधी मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राहुल वर्मा ने बताया कि महिला को देर रात हमीदिया अस्पताल लाया गया था। उसका बायां हाथ कलाई से और बायां पैर का पंजा भी कटा हुआ था। रात करीब 2 बजे 4 डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन किया। इसमें कार्डियक सर्जन डॉ. सागर, प्लास्टिक सर्जन डॉ. हरी शंकर, ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ. वैभव जैन और एनेस्थिसिया विभाग के डॉक्टर शामिल थे।
हथेली का री-इंप्लांटेशन कर दिया गया जिसे थैली में लेकर आए थे। इसमें हडि्डयों को तारों से और खून की नशों को जोड़ दिया गया। यह सरवाइव कर रहा है या नहीं 48 घंटे में पता चलेगा। ऑपरेशन सुबह करीब 8 बजे तक चला। कटे पैर को भी री-इंप्लांट करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं हो सका। इसके बाद उसे प्लास्टिक सर्जरी से कवर कर दिया गया।