नई दिल्ली / मोटर वाहनों में जब दुर्घटना होती है तो सबसे ज्यादा खतरा आगे की सीटों पर बैठे लोगों को ही होता है। यदि मोटर वाहनों की आमने सामने की टक्कर हो तो अगली सीटों पर बैठे लोगों की जान पर बन आती है। इस स्थिति को टालने के लिए भारत सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए आगामी एक अप्रैल से सभी कारों में आगे की सीटों के लिए एयरबैग जरूरी कर दिया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि एयरबैग के अनिवार्य प्रावधान के संबंध में गजट अधिसूचना जारी कर दी गई है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, ‘‘वाहनों में आगे ड्राइवर की सीट के साथ बैठने वाले को-पैसेंजर यात्रियों के लिए एयरबैग को अनिवार्य करने के संबंध में गजट अधिसूचना जारी कर दी गई है। मंत्रालय का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा पर समिति ने इसके बारे में सुझाव दिया था।
नए नियमों के मुताबिक मंत्रालय ने कहा कि 01अप्रैल, 2021 के पहले दिन या उसके बाद निर्मित नए वाहनों में आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग अनिवार्य होगा। वहीं पुराने वाहनों के लिए एयरबैग जरूरी होंगे। पुरानी कार मालिकों को 31 अगस्त, 2021 से पहले मौजूदा मॉडलों में ड्राइवर की सीट के साथ एयरबैग लगाना अनिवार्य होगा। यानी कि पुरानी कार के मालिकों को 31 अगस्त, 2021 से पहले अपनी कार में एयरबैग लगवाने होंगे। सरकार का कहना है कि 31 अगस्त के बाद अगर कोई कार सड़क पर बिना एयरबैग के चलते मिलेगी, तो उसका चालान काटा जाएगा। सरकार के इस कदम से दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
सरकार ने पिछले साल दिसंबर में फ्रंट सीट के लिए एयरबैग जरूरी बनाने के प्रस्ताव को लेकर लोगों से राय मांगी थी। पहले सरकार ने 01 जुलाई 2019 से सभी कारों में ड्राइवर सीट के लिए एयरबैग को अनिवार्य बना दिया था। इससे पहले फरवरी में आयोजित एक सेमीनार में बोलते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरधर अरमाने कहा था कि कुछ ही कार कंपनियों ने व्हीकल सेफ्टी रेटिंग सिस्टम अपनाया है और वे इन्हें केवल अपनी कारों के टॉप वैरियंट्स में ही इस्तेमाल कर रही हैं। अरमाने ने कहा था कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। वहीं ऐसी कारों को तुरंत बेचना बंद किया जाना चाहिए, जिनमें सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम नहीं हैं।
सरकार इसके अलावा सेंसर के साथ रिअर कैमरा भी अनिवार्य बना सकती है, क्योंकि 2019 में लागू भारत NCAP क्रेश टेस्ट प्रोग्राम के तहत फिलहाल कारों में रिअर सेंसर देना अनिर्वाय है। कारों के बेस वैरियंट में यह स्टैंडर्ड मिलता है, लेकिन कंपनियां 2021 में बेस वैरियंट्स में भी सेंसर के साथ कैमरा देना शुरू सकती हैं। इसके अलावा कंपनियां अपनी गाड़ियों में भविष्य में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम दे सकती हैं। फिलहाल कार कंपनियां केवल टॉप वैरियंट्स में ही ये फीचर दे रही हैं। लेकिन इसकी व्यापकता को देखते हुए सभी कारों में स्टैंडर्ड ये फीचर मिलना चाहिए।