“राज दरबारी”, पढ़िए छत्तीसगढ़ के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों की खोज परख खबर, व्यंग्यात्मक शैली में, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार ‘राज’ की कलम से… (इस कॉलम के लिए संपादक की सहमति आवश्यक नहीं, यह लेखक के निजी विचार है)

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नए घोटाले की ओर एनआरडीए , ‘सरकार’ की साख पर फिर बट्टा लगाने की मुहिम :  

छत्तीसगढ़ की नई राजधानी अटल नगर में घोटालों का अम्बार लगा है | पूर्ववर्ती सरकार के हैरत अंगेज कारनामों के बाद मौजूदा कांग्रेस सरकार की साख में भी पलीता लगाने के लिए अकबर-बीरबल ने कोई कसर बाकि नहीं  छोड़ी है | इनके अजगर की तो दास्तान सुनकर आपके भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी | हालांकि ताजा मामला सड़क किनारे फुटपाथ बनाने का है | दरअसल अटल नगर में फुटपाथ  का निर्माण किया जाना है | फुटपाथ निर्माण के लिए लगभग 100 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है | इसके निर्माण के लिए 40-50 करोड़ के दो अलग अलग टेंडर इन दिनों प्रभावशील है | सरकारी तिजोरी में सेंधमारी और सरकारी रकम की बंदरबांट के लिए जो नायाब फार्मूला अकबर-बीरबल ने तैयार किया है , वो भी काबिले तारीफ है | बताया जा रहा है कि  फुटपाथ  निर्माण के लिए तैयार किये गए टेडंर में अनोखी शर्त जोड़ दी गई है | इसका मकसद किसी खास ठेकेदार को उपकृत करना और शेष ठेकेदारों को प्रतियोगिता से बाहर करना है | अब इस दिलचस्प घोटाले को भी जान लीजिये | नई राजधानी में दिन-रात सड़के वीरान रहती है | अभी तक यहां आबादी की बसाहट नहीं हो पाई है | बावजूद  वीरान सड़कों पर फुटपाथ  बनाने का काम प्रकिया में आ गया है | सवाल उठ रहा है कि जब सड़कों पर पर्याप्त  आवागमन नहीं , लोगों की बसाहट नहीं तो फुटपाथ पर चलेगा कौन ? उधर कंगाली की दौर से गुजर रहे एनआरडीए के पास बैंकों में  ब्याज की रकम जमा करने के  भी लाले पड़े है | इस संस्था पर कुर्की की तलवार लटक रही है | फिर भी  100 करोड़ की लागत से फुटपाथ -सड़के किसके हितों के लिए बनाई जा रही है ? चर्चा का विषय बना हुआ है | 


‘चीफ’  का ‘बाल’ श्मशान घाट में

मामला दिलस्चप ही नहीं है बल्कि हकीकत भी है | दरअसल राज्य के एक निलंबित आईपीएस अधिकारी एवं तंत्र-मंत्र करने वालों का चोली-दामन का साथ है | पूर्ववर्ती सरकार में अपने सम्मोहन  का जादू दिखाने वाले इस वर्दीधारी डकैत ने कई गंभीर अपराधों को अंजाम दिया था | ये और बात है कि चंद मामले  FIR दर्ज होने तक ही सिमित रह गए | जबकि ज्यादातर मामलों की जांच रिपोर्ट फाइलों में कैद हो गई | यह  इस कुख्यात अफसर का तिलिस्म ही है | अब इस निलंबित अफसर ने राज्य के ‘चीफ’ को साधने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है | इसके लिए जादू-टोने का सहारा भी लिया जा रहा है | बताया जाता है कि कोलकाता के भिंगरी श्मशान घाट में इन दिनों सम्मोहन और मारण नामक दो अलग अलग अनुष्ठान किये जा रहे है | इसके लिए  51 लाख रूपये की दान दक्षिणा स्वामी सुमन दास नामक तांत्रिक को दी गई है | इसके बाद ही यह तांत्रिक तंत्र-मंत्र का करिश्मा दिखाने के लिए राजी हुआ है | अनुष्ठान के लिए  ‘चीफ’ के सिर का बाल एक लकड़ी की डिब्बी में रखकर सुमन दास को सौंपा गया है | दिलस्चप तथ्य यह है कि आखिर कैसे यह ‘बाल’ इस गिरोह को  हासिल हुआ ? पड़ताल के बाद इस तथ्य का भी खुलासा हुआ | पता पड़ा कि राजनेताओं के दरबार में सरकार बदलने के बाद तमाम स्टाफ में तो बदलाव हो जाता है | लेकिन सफाई कर्मी , धोबी , नाई समेत मूलभूत सुविधाओं के लिए तैनात स्टाफ यथावत बना रहता है |  वर्दीधारी डकैत अपने दौर में ख़ुफ़िया तंत्र की कमान संभाल चूका है | लिहाजा निचले महकमे से जुड़े कर्मियों के साथ उसका आज भी करीब से नाता जुड़ा है | बताया जाता है कि इन्ही कर्मियों में से किसी ने ‘साहब’ का बाल गिरोह तक पहुंचा दिया | उधर श्मशान घाट में ‘बाल’ की खाल निकालने के लिए तांत्रिकों ने दिन रात का अनुष्ठान शुरू कर दिया है | यह भी पुख्ता खबर है कि इसके पूर्व प्रदेश के राजनांदगांव जिले के रुआतला  गांव में स्थित एक औघड़ बाबा  के आश्रम में  अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस वर्दीधारी डकैत ने 9 दिनों तक नग्न साधना की थी | नवरात्र के दौरान की गई यह साधना कुछ कारणों से परवान नहीं चढ़ पाई | दरअसल बाबाजी सदाचारी थे | लिहाजा उन्होंने टकले के मंसूबों से किनारा करना ही बेहतर समझा | रुआतला के इस आश्रम से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद इस कुख्यात टकले ने असम के कामाख्या पीठ के साधकों के जरिये  भिंगरी श्मशान घाट के तांत्रिक के पैर पकड़े है |  फ़िलहाल यह तंत्र साधना क्या रंग दिखाएगी , यह तो वक्त ही बताएगा |        

कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए ‘मुखिया’ विरोधियों का नया पैतरा :

प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का बीड़ा खुद कांग्रेस के एक गुट ने उठाया है | इन दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस में सिपाहियों की भर्ती जारी है | भर्ती प्रकिया को पारदर्शी बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए है | बावजूद इसके पुलिस भर्ती अभियान को विवादित बनाने के लिए कुछ कांग्रेसी मैदान में है | वो प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए नए नए नुस्खे आजमा रहे है | बताया जाता है कि उनके निशाने पर ‘मुखिया’ जी है | इसी कड़ी में  इन दिनों पुलिस भर्ती केंद्रों में ‘आठ लाख दो नौकरी लो’ का नया नारा छेड़ दिया गया है | कुछ लोग पुलिस भर्ती अभियान और सिस्टम का सहभागी होने का दावा कर प्रतियोगियों और उनके पालकों व करीबियों से सम्पर्क कर पुलिस कांस्टेबल के पद पर सीधी भर्ती का वादा कर रहे है | इनके हाथों में प्रतियोगी अभ्यर्थियों की सूची देखकर लोग हैरत में है | ये सूची कैसे इनके हाथों में आई  यह जांच का विषय है ?  इस मामले में सीबी उर्फ़ चंद्रभूषण नामक शख्स सुर्ख़ियों में है | यह भी बताया जा रहा है कि इस शख्स ने अब अपना नाम बदलकर ‘सीडी’ रख लिया है | पुलिस भर्ती अभियान में चल रही इस गफलतबाजी की हकीकत से ‘सरकार’ को रूबरू कराने के मामले में राज्य का ख़ुफ़िया तंत्र फिसड्डी साबित हुआ है | इतने बड़े और सुनियोजित पुलिस भर्ती अभियान पर लग रहे सवालियां निशान से पुलिस मुख्यालय भी सवालों के घेरे में है | हालांकि इस अभियान का पूरा दारोमदार रेंज आईजी स्तर पर है | कारण जो भी हो , लेकिन बेरोजगारों के बीच ‘आठ लाख दो और पुलिस में भर्ती हो’ का नारा भर्ती अभियान पर सवालियां निशान लगाने के लिए काफी है |वैसे भी छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के मामले आम है | इन वारदातों के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय को भर्ती अभियान की पारदर्शिता बरकरार रखने के मामले में ठोस कदम उठाने होंगे | वर्ना सरकार पर दोहरी मार पड़ना लाजमी है |      

निजी स्कूल संचालकों-कमेटियों का फिर शुरू हुआ गोरखधंधा 

प्रदेश में कोरोना का संक्रमण अभी थमा नहीं है | इस बीच राज्य सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला ले लिया | सरकार की मंशा छात्रों की पढ़ाई-लिखाई को सुचारु बनाना है | लेकिन कई निजी स्कूलो के संचालकों और कमेटियों की नजर  पालकों की जेब पर है | उन्होंने पालकों को लूटने का मंसूबा पाल रखा है | स्कूल खोले जाने का सरकारी आदेश जारी होते ही ज्यादातर निजी स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई  ठप्प कर दी है | छात्र स्कूल आए  ना आए , भले ही वो संक्रमित हो जाए , इन्हे इससे कोई फर्क नहीं | बस उन्हें तो पहले की तरह मोटी रकम चाहिए | स्कूल खुलते ही पालकों पर उनके बच्चों की पढ़ाई की फीस के अलावा अन्य मदों की फ़ीस चुकाने का दबाव डाला जा रहा है | कई निजी स्कूलों और कमेटियों ने छात्रों को चार माह तक के शुल्क के तत्काल भुगतान का फरमान जारी कर दिया है | उनकी मांग है कि फरवरी , मार्च, अप्रैल और मई माह की स्कूल की फ़ीस हो या फिर हॉस्टल का खर्च  , इन्हे तो चुकाना ही पड़ेगा | वर्ना स्कूल से नाम भी काट दिया जायेगा और परीक्षा से वंक्षित भी कर दिया जायेगा | ऐसे स्कूलों की लूटमार और मनमानी से अभिभावक परेशान है | उनकी गुहार है कि शिक्षा के नाम पर अवैध उगाही का गोरखधंधा संचालित करने वालों के खिलाफ फौरी कार्रवाई होनी चाहिए | उधर फ़ीस के नाम पर अवैध वसूली को लेकर शिक्षा  विभाग मौन है |   

बोबडे हुए हमारे :

दिल्ली में CJI , चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया शरद अरविंद बोबडे इंसाफ के मंदिर की शोभा बढ़ा रहे है | तो छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त महाधिवक्ता अर्जुन बोबडे भी मैदान में है | वो राज्य  सरकार का पक्ष न्याय के मंदिर में बुलंद कर रहे है | दरअसल हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने अर्जुन बोबडे को दिल्ली की सर्वोच्च अदालत में सरकार का पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता के पद पर तैनाती दी है | अर्जुन बोबडे कानून के जानकार तो है ही इसके अलावा पक्षकारों की जीत के मामले में तजुर्बेकार भी है | अर्जुन बोबडे की नियुक्ति से सरकार की उम्मीदे उफान पर है | उनकी जोरदार पैरवी से सरकार से जुड़े मसलों पर न्याय की उम्मीद तो की जा सकती है | बताया जाता है कि कई मामलों में अपने तर्को और दलीलों से अर्जुन बोबडे अपनी योग्यता का लोहा मनवा चुके है | जानकारी के मुताबकि CJI नागपुर के रहने वाले है , तो अर्जुन बोबडे भी वही के बताये जा रहे है | पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा का नाता भी नागपुर से जुड़ा था | मौजूदा कांग्रेस सरकार ने भी इस परंपरा को कायम रख पडोसी धर्म निभाने में कोताही नहीं बरती है |