उपेंद्र डनसेना [Edited By : शशिकांत साहू]
रायगढ़। रायगढ़ जिले में वन विभाग अब सारंगढ़ में हुए पालती हथिनी की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद सोते से जागते हुए उन महावतो को पकड़ रहा है जो हाथी पालकर उनसे अपना रोजी रोटी का व्यवसाय चलाते हैं । वन विभाग को यह अंदेशा है कि दो दिन पहले सारंगढ़ में 50 साल की हथिनी गंगा की मौत उसके महावत द्वारा लगातार प्रताडऩा एवं भूखे प्यासे रखने के चलते हुई है और बीमार होनें के बाद भी महावत ने उसके इलाज के लिए काफी लापरवाही बरती है ।
दो दिन पहले इस हथिनी की मौत के बाद वन विभाग ने पशु क्रूता अधिनियम की धाराओं का उपयोग करते हुए हथिनी के महावत व उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार करवाकर जेल भिजवा दिया है और इसी कडी में कल शाम रायगढ़ वन मंडल द्वारा एक महावत व उसके एक सहयोगी को हाथी पालकर उसे लगातार प्रताडऩा के मामले में कार्यवाही करते हुए उर्दना फारेस्ट एरिया में खड़ा करवा दिया है ताकि आगे की कार्यवाही की जा सके । इस मामले में महावत नागेश्वर ओझा का कहना है कि यह हाथी उसके रिश्तेदार का है लेकिन सभी कागजात दिखाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों ने उसे हाथी सहित रोक लिया है ।
महावत नागेश्वर ओझा बताता है कि वह इस हाथी के चलते अपनी रोजी रोटी का जरिया मांगने खाने का काम नही करता बल्कि किसी विशेष पूजा अर्चना के दौरान उसका उपयोग करता है। जबकि वन विभाग के अधिकारी बीआर खुटे का कहना है कि सारंगढ़ में हुई हथिनी की मौत के बाद यह बात साफ हो गई है कि हाथी को पालने के दौरान उसे महावत द्वारा न केवल प्रताडऩा दी जाती है बल्कि भूखा प्यास भी रखा जाता है और इसी दौरान हाथी बीमार हो जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है । इस मामले में भी प्रारंभिक कार्यवाही के रूप में महावत को रोका गया है और उसके हाथी को खुलेआम वन विभाग के डिपो में रखकर महावत तथा उसके सहयोगी से पूछताछ की जा रही है ।
