नई दिल्ली / इस साल जून से जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। पहली बार डिजिटल होने वाली जनगणना के लिए डाटा जुटाने वाले कर्मियों की ट्रेनिंग हो चुकी है | दरअसल, कोरोना महामारी के कारण जनगणना की प्रक्रिया को रोकना पड़ा था | अब इसे अगले साल फरवरी तक पूरा करने की तैयारी है | चूंकि स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और अधिक आयु वर्ग के प्राथमिकता वाले समूहों को कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद जून तक पांच राज्यों में चुनाव का काम भी पूरा हो जाएगा, ऐसे में जून से मतगणना शुरू होने की पूरी संभावना है |
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उम्मीद की जा रही है कि प्राथमिकता वाले समूहों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया जून तक पूरी हो सकती है | इसके साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव मई तक समाप्त होने के बाद वहां के कर्मचारी भी जनगणना के लिए उपलब्ध हो जाएंगे | ऐसे में दो महीने की देरी से शुरू होने के बावजूद जनगणना का पहला चरण और एनपीआर अपडेट करने की प्रक्रिया 31 अक्टूबर तक पूरा करने की कोशिश की जाएगी, ताकि एक फरवरी से मूल जनगणना का काम शुरू हो सके |
पहली बार डिजिटल होगी जनगणना
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया जनगणना और एनपीआर को अपडेट करने की तैयारी पिछले साल ही पूरी कर चुका है। जनगणना के दौरान डाटा जुटाने वाले कर्मियों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है। पहली बार डिजिटल होने वाली जनगणना की पूरी तैयारी होने के बावजूद कोरोना के कारण 25 मार्च को लागू लाकडाउन के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।
जनगणना की प्रक्रिया दो फेज में की जाती पूरी
सामान्य तौर पर जनगणना की प्रक्रिया दो फेज में पूरी की जाती है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक पहले फेज में देश में सभी घरों और उनमें रहने वाले मवेशियों की गणना की जाती है। 2011 में पहली बार इस दौरान आम लोगों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए एनपीआर के डाटा भी पहले फेज में जुटाए गए थे। 2021 में भी एनपीआर के इन डाटा को कई अन्य बिंदुओं पर अपडेट करने की तैयारी थी।