1 अप्रैल से मोबाइल पर बात करना और इंटरनेट यूज करना हो जाएगा महंगा, दरें बढ़ाने की तैयारी में टेलिकॉम कंपनियां

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नई दिल्ली / अब 1 अप्रैल से आपको मोबाइल पर बात करना महंगा पड़ सकता है। इसके साथ ही ग्राहकों को इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी जेब ढीली हो सकती है। क्योंकि टेलीकॉम कंपनियां अब ग्राहकों को झटका देने की तैयारी में हैं। इस साल 1 अप्रैल से दरों में बढ़ोतरी हो सकती हैं। बताया जा रहा है कि आगे भी मोबाइल कॉल और डाटा के दामों में वृद्धि की जाएगी। रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है।रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल से शुरू हो रहे फिस्कल ईयर 2021-22 में अपने रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए कंपनियां एक बार फिर टैरिफ महंगे कर सकती हैं। हालांकि इनकी कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी इसको लेकर अभी कोई खुलासा नहीं किया गया है।

कोरोना महामारी का असर टेलीकॉम सेक्टर पर ज्यादा नहीं पड़ा है। अन्य सेक्टर में जहां कमाई पर असर पड़ा है। वहां टेलीकॉम सेक्टर में प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार हुआ है। हालांकि कंपनियों के बढ़ते खर्च पर इसे ज्यादा नहीं कहा जाएगा। लिहाजा कंपनियां में कॉल रेट बढ़ाकर भरपाई करना चाहती हैं। पिछले साल भी कंपनियों ने रेट बढ़ाए थे। लॉकडाउन में डाटा यूजेज और टैरिफ में बढ़ोतरी के कारण स्थिति में सुधार हुआ। वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन क्लासेस के कारण डाटा का उपयोग बढ़ा है।

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ICRA का कहना है कि टैरिफ में बढ़ोतरी और ग्राहकों का 2G से 4G में अपग्रेडेशन से एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) यानी प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार हो सकता है। साल के बीच तक यह करीब 220 रुपये हो सकता है। इससे अगले 2 साल में इंडस्ट्री का रेवेन्यू 11% से 13% और फिस्कल ईयर 2022 में आपरेटिंग मार्जिन करीब 38% बढ़ेगा।

कर्ज से उभरने की कोशिश

बता दें कि टेलीकॉम कंपनियों पर फिलहाल 1.69 करोड़ रुपये का बकाया है। जिसके कारण कंपनियां मोबाइल फोन कॉलिंग और डाटा की कीमतों में बढ़ोतरी कर रही हैं। अभी तक महज 15 कंपनियों ने सिर्फ 30,254 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। एयरटेल पर करीब 25,976 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 50399 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज पर करीब 16,798 करोड़ रुपये का बकाया है। हालांकि, कंपनियों को फिलहाल चालू वित्त वर्ष में सिर्फ 10 फीसदी राशि चुकानी है। बाकी बकाया राशि आगे के सालों में चुकानी है।

टेलीकॉम इंडस्ट्री को होगा 11-13 फीसदी का फायदा

इक्रा की रिपोर्ट के मुताबिक दरों में बढ़ोतरी और ग्राहकों का 2जी से 4जी में अपग्रेडेशन की वजह से भी एवरेज रेवेन्यू पर यूजर में सुधार हो सकता है। मध्यम अवधि में ये करीब 220 रुपये हो सकता है, जिससे अगले दो साल में टेलीकॉम इंडस्ट्री का राजस्व 11 से 13 फीसदी तक बढ़ेगा। जबकि उसके बाद आपरेटिंग मार्जिन करीब 38 फीसदी बढ़ेगा। अपने कर्ज को पूरा करने के लिए कंपनिया इसका बोझ ग्राहक पर डालने सकती है। जिससे एक आम आदमी के लिए फोन पर बात करना भी महंगा हो जाएगा। साथ ही कोरोना के कारण जब पढ़ाई और ज्यादातर कामकाज जहां ऑनलाइन हो रहे हैं। उस समय में डाटा की कीमतों में बढ़ोतरी से आम आदमी की जेब पर एक अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। आपको बता दें कि ICRA, जिसे पूर्व में इन्वेस्टमेंट इंफार्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। अग्रणी फाइनेंसरों द्वारा 1991 में इसे स्थापित किया गया था। ICRA एक स्वतंत्र और प्रोफेशनल इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है।