मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए राहत भरी खबर , सुप्रीम कोर्ट में अपने ही दांव में फंस गई सीबीआई ? कानून के जानकारों के मुताबिक अदालत की एक टिप्पणी से बाजी पलटने के बढे आसार ? सीबीआई अपनी ही दलीलों में उलझी , मुख्यमंत्री बघेल का पक्ष सीबीआई पर भारी पड़ते आया नजर , 5 मार्च को सेक्स सीडी कांड की अगली सुनवाई पर कानून के जानकारों की निगाहें  

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नई दिल्ली / रायपुर – छत्तीसगढ़ सेक्स सीडी कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई होनी थी | अंदेशा जाहिर किया जा रहा था कि आज ही साफ़ हो जायेगा कि सेक्स सीडी कांड की प्रदेश में चल रही सुनवाई यही रायपुर में होगी या फिर उसे अन्यत्र किसी राज्य में स्थानांतरित कर दिया जायेगा | दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए काफी राहत भरी नजर आ रही है | दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही आज मामले की सुनवाई शुरू हुई । आरोपी कैलाश मुरारका की ओर से पक्ष रखा गया कि इस मामले में वो छत्तीसगढ़ शासन को भी पक्षकार बनाना चाहते है । इसका सीबीआई ने कोई विरोध नही किया।

कानून के जानकारों को बस यही से बाजी पलटती नजर आ रही है | इसके पूर्व हुई सुनवाई में सीबीआई ने अपनी जिरह में दलील दी थी कि राज्य सरकार इस मामले में पक्षकार नहीं है | ऐसे में उसकी दलीलों की कोई गुंजाईश ही नहीं है और ना ही इसका कोई औचित्य है |   पिछली सुनवाई में सीबीआई की मजबूत दलीलों को लेकर कानून के जानकारों का रुख  साफ़ था कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया पर नई आफत गले पड़ते नजर आ रही है | लेकिन अंतिम सुनवाई के दौरान आज जब सीबीआई ने छत्तीसगढ़ शासन को भी पक्षकार बनाने की जो दलीले दी गई , वो कानून के जानकारों को खटक रही है | उनकी माने तो सीबीआई का मौन का ये दांव उस पर ही भारी पड़ते नजर आ रहा है | 

दरअसरल सुनवाई के दौरान अदालत ने साफ कर दिया कि यदि छत्तीसगढ़ सरकार को कोई आपत्ति ना हो तो हम सीबीआई कि याचिका को मंजूर करते हैं | कानून के जानकारों के मुताबिक अदालत की यह टिप्पणी गौरतलब है |  उनकी दलील है कि राज्य में निष्पक्ष सुनवाई और गवाहों को स्वतंत्रता पूर्वक गवाही देने का भरोसा दिए जाने का राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया तो अदालत में सीबीआई के अरमानों पर पानी फिर सकता है | फ़िलहाल तो कानून के जानकारों की निगाहें छत्तीसगढ़ शासन के पक्ष और विद्वान् न्यायधीशों के मत पर टिकी हुई है | उन्हें लगता है कि 5 मार्च को मामले की अगली सुनवाई में साफ़ हो जायेगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा |  

छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित फर्जी सेक्स सीडी कांड के मामले को दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने की सीबीआई की मांग पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई | हालांकि  सुनवाई के बाद मामले को अगली तारीख 5 मार्च तक के लिए टाल दिया गया |  सीबीआई ने सुनवाई के दौरान अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले में गवाहों को धमकाया जा रहा है और इसमें एक आरोपी, राज्य के मुख्यमंत्री, प्रभावशाली व्यक्ति हैं | ऐसे में मामले का ट्रायल दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाए | 

देखे ऑर्डर शीट –

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छत्तीसगढ़ कि ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई कि याचिका का विरोध नहीं किया | इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पक्ष रखते हुए दलील दी गई है कि उन्हें राजनैतिक साजिश के तहत फंसाया गया है | उधर सीबीआई की ओर से एसजी तुषार मेहता ने कहा कि स्थानांतरण कि मांग आरोपियों के प्रभाव कि वजह से की जा रही है | दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने विरोध नहीं किया तो सीबीआई कि याचिका को हम मंजूर करते हैं |