नए लेबर कोड के तहत अब कर्मचारियों को मिल सकती है हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी, नए मसौदे पर सरकार कर रही है विचार

0
9

नई दिल्ली / देश में बन रहे नए श्रम कानूनों के तहत आने वाले दिनों में हफ्ते में तीन दिन छुट्टी का प्रावधान संभव है। सोमवार को बजट में श्रम मंत्रालय के लिए हुए ऐलान पर जानकारी देते हुए श्रम सचिव ने बताया कि केंद्र सरकार हफ्ते में चार कामकाजी दिन और उसके साथ तीन दिन वैतनिक छुट्टी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है।

उनके मुताबिक नए लेबर कोड में नियमों में ये विकल्प भी रखा जाएगा, जिस पर कंपनी और कर्मचारी आपसी सहमति से फैसला ले सकते हैं। नए नियमों के तहत सरकार ने काम के घंटों को बढ़ाकर 12 तक करने को शामिल किया है। काम करने के घंटों की हफ्ते में अधिकतम सीमा 48 है, ऐसे में कामकाजी दिनों का दायरा पांच से घट सकता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय चार नए लेबर कोड को लागू करने के लिए उनसे संबंधित नियमों को इस सप्ताह अंतिम रूप दे सकता है |

ये भी पढ़े : अब रातों-रात करोड़पति बनेगे पत्रकारिता का दामन थामने वाले ख़ास कर्मी ? आर्थिक समस्या और तनाव से जूझ रहे खबरी लालों के लिए “वर्कशॉप” , पत्रकार सहायकों, सूचना संग्राहकों , समाचार संप्रेषको और सूचना सहायकों की आय बढाने के लिए कारगर नुस्खा बताया जायेगा “वर्कशॉप” में , रायपुर में 1 मार्च से 10 मार्च के बीच विशेष प्रशिक्षण , योग्यता और मापदंड में खरे उतरने वालों का प्लेसमेंट भी

इन लेबर कोड्स के लागू होने के बाद देश के श्रम बाजार में सुधार का नया दौर शुरू हो जाएगा | मसौदे को अंतिम रूप मिलने के बाद कर्मचारियों को एक सप्ताह में चार दिन काम करने और उसके साथ तीन दिनों की छुट्टी का विकल्प मिलेगा | इसके साथ ही, श्रम मंत्रालय असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण एवं कल्याण के लिए एक नया पोर्टल तैयार कर रहा है | अधिकारियों के मुताबिक, यह पोर्टल जून तक तैयार होने की संभावना जताई जा रही है. इस पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और उनके लिए अन्य सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं | इनमें ठेके या मुक्तरूप से काम करने वाले श्रमिकों और ‘प्लेटफार्म’ श्रमिकों जैसे कर्मियों का पंजीकरण किया जाएगा | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए भाषण के दौरान इस प्रकार के वेब-पोर्टल की स्थापना का उल्लेख किया था |

जानें- नए लेबर कोड में क्या है खास
• अगर कर्मचारी किसी दिन 8 घंटे से ज्यादा या फिर सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम करता है तो फिर उसे ओवरटाइम का मेहनताना सामान्य सैलरी से दोगुना मिलेगा |
• नए लेबर कोड के ड्राफ्ट में कर्मचारियों के वर्किंग आवर्स को दिन में 12 घंटे तक किए जाने का प्रस्ताव रखा गया है | इससे पहले यह अवधि 9 घंटे की थी और इसमें एक घंटे का रेस्ट भी शामिल था.
• ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस के नाम से तैयार कोड में सरकार ने कंपनियों को एक दिन में 12 घंटे तक वर्किंग आवर्स रखने की छूट देने की बात कही है |
• ओवरटाइम के कैलकुलेशन को लेकर भी नियम तय किया गया है |अगर कोई कर्मचारी 15 से 30 मिनट तक काम करता है तो फिर उसे पूरे 30 मिनट के तौर पर काउंट किया जाएगा |

ये भी पढ़े : देश के ज्यादातर राज्यों में अप्रैल में स्कूल खोलने के पक्षधर हैं 67 प्रतिशत अभिभावक, लोकल सर्कल सर्वे से खुलासा   

श्रम मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार कोड्स में निपटा दिया है | उन्हें लागू करने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है | अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय इन कानूनों को एक ही साथ लागू करना चाहता है |