वनांचल में 60.41 लाख की लागत से बने ग्रन्थालय से युवाओं को मिला प्रतिभा तराशने का मौका, विभिन्न विषयों की लगभग 3000 पुस्तके उपलब्ध, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवा

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रिपोर्टर : रफीक खान

सुकमा|  देश की प्रगति और विकास में अपना योगदान कर कुछ कर गुजरने की चाहत हर युवा में होती है। आज के इस प्रतियोगी दौर में हर युवा चाहता है कि वो दूसरों से दो कदम आगे रहे जिसके लिए वे निरंतर अथक प्रयास में जुटे रहते हैं। प्रदेश के अंतिम छोर में घने जंगल, नदी, पहाड़ से घिरे सुकमा जिले के युवाओं में भी यह ललक है। कोई प्रशासनिक अधिकारी बन कर समाज को बेहतर करना चाहता है तो कोई डॉक्टर या इंजिनियर बन कर देश हित में अपना योगदान देना चाहता है। सुकमा में भी ऐसे युवाओं की बहुतायत है जो इन उच्च पदों पर काबिज होकर अपना जीवन देश, प्रदेश और समाज के उत्थान में लगाना चाहते हैं। लंबे समय से नक्सल हिंसा से पीड़ित होने के कारण यहां विकास की गति धीमी रही है। शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से ही नक्सल अवरोध रहा है जिसके परिणामस्वरूप यहां के युवाओं को हमेशा से ही परेशानी का सामना करना पड़ा है। 2012 में जिला बनने के पश्चात यहां विकास की ब्यार ने गति पकड़ी है। अब यहां के युवा भी गोलियों की शोर से दूर शांत वातावरण में अपना भविष्य संवार रहें हैं।

  • विवेकानन्द युवा शक्ति केन्द्र से युवा बना रहे बेहतर भविष्य

जिले के युवाओं को शिक्षा का बेहतर माहौल मुहैया कराने और उनके प्रतिभा को तराशने एवं सही दिशा देने के उद्देश्य से स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति केंद्र की शुरुआत की गई है। युवा शक्ति केंद्र में जिले के प्रतिभावान युवाओं के पढ़ने लिखने के लिए ग्रन्थालय और स्टडी क्लब के साथ सर्व सुविधा युक्त व्यायामशाला भी है ताकि युवा खुद को स्वस्थ और तंदरुस्त भी बनाए।

  • सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें है उपलब्ध

जिला के युवा अब अपना अधिकांश समय ग्रंथालय में किताबों की बीच बिताने लगे हैं। 60.41 लाख की लागत से बने ग्रन्थालय में विभिन्न विषयों की लगभग 3000 पुस्तकों के साथ ही 06 कमप्युटर भी है । जिससे छात्र किताबों से परे देश विदेश की जानकारी इन्टरनेट के माध्यम से पा सकें। संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी कर रहे 25 वर्षीय शिव कुमार ने बताया कि वे स्नातक पूर्ण करने के बाद से ही प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। अच्छी किताबें लेने के लिए अक्सर उन्हें जगदलपुर या रायपुर जाना पड़ता था पर अब जिला मुख्यालय में ग्रन्थालय के शुरुआत से उन्हें सारी जरूरी किताबें यहीं मिल जाती है।

वे प्रतिदिन 6 घंटे ग्रन्थालय में किताबों के बीच रहकर अपने समय का सदुपयोग करते हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही कुमारी संगीता मिड़ियामी ने बताया कि ग्रन्थालय में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पर्याप्त पुस्तकें जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही इन्जीनियरिंग, मेडिकल, नेट आदि की पुस्तकें भी उपलब्ध हैं जिसका लाभ सुकमा के छात्र-छात्राओं को मिल रहा है। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए आदर्श मिश्रा ने बताया कि ग्रन्थालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों के साथ ही साहित्यिक, उपन्यास, दार्शनिक, अंकगणित सहित भिन्न प्रकार के पुस्तकों के साथ ही अखबार और महत्वपूर्ण मैगजीन्स जैसे कुरुक्षेत्र, योजना, घटना चक्र इत्यादि है जिससे ना केवल युवाओं को परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल रही है बल्कि युवाओं में मूलभूत निर्माण में सहायता मिल रही है।

विदित हो कि विवेकानन्द युवा शक्ति केन्द्र परिसर स्थित सर्वसुविधा युक्त जिला ग्रन्थालय का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा 1 फरवरी को किया गया था। जिला प्रशासन के इस अभिनव पहल से युवाओं में उत्साह है। वे प्रशासन द्वारा दी जा रही इस सुविधा का शत प्रतिशत सदुपयोग कर रहे हैं। सुकमा जैसे क्षेत्र में प्रशासन के इस पहल से यहां के युवाओं का मनोबल बढ़ा है, अब वे प्रदेश के बड़े शहरों का रुख किये बगैर ही प्रशासनिक सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर जिले का नाम रोशन कर सकेंगे।